Hindi, asked by faizan4484, 1 month ago

आसपास के घरों की खिड़कियां तब बंद हो गई थीं। जो लोग इस दृश्य के साक्षी थे, उन्होंने
दरवाजे बंद करके अपने को इस घटना के उत्तरदायित्व से मुक्त कर लिया था। बंद किवाड़ों
में भी उन्हें देर तक जुबैदा, किश्वर और सुलताना के चीखने की आवाजें सुनाई देती रहीं।
रक्खे पहलवान और उसके साथियों ने उन्हें भी उसी रात पाकिस्तान दे दिया, मगर दूसरे
तबील रास्ते से। उनकी लाशें चिराग के घर में न मिलकर बाद में नहर के पानी में पाई गई।​

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Answered by safarshah99815
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Answer:

हम यह अंतर है कि हम वहां पर पाकिस्तान में नहीं रहते इसलिए हमें नहीं पता

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