Aaschrya ka tikana na raha
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'आश्चर्य का ठिकाना न रहा', इसका अर्थ है कि अत्यधिक आश्चर्य हुआ। इसका तात्पर्य है - अचंभित होना, विस्मित होना, अचम्भा होना।
उदाहरण के लिए -
अचानक उसको वहां देखकर रोहित के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
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अचानक उसको वहां देखकर रोहित के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।
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