आशा बिना मानव जीवन असम्भव है। यदि आशान होती तो मनुष्य का जीवन बड़ा बोझिल और दुखमय हो जाता। विद्यार्थी साल भर कड़ा परिश्रम करते ह.कवल इसी आशा पर कि वे सफलता का मुख देखेंगे। एक किसान घोर उष्णता और शीत का तनिक भी ध्यान नहीं करता। इसी प्रकार व्यापारी लोग व्यापार में धन लगाते हैं केवल इसी आशा का आश्रय लेकर ताकि उनका व्यापार उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो। तभी तो बुद्धिमान तथा महापुरूषों ने आशा को मानव रूपी जहाज का सम्वल कहा है।
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आशा के बिना मानव जीवन असंभव है | यदि आशा न होती , तो मनुष्य का जीवन बड़ा बोझिल और
दुखमय हो जाता | विद्यार्थी साल भर कड़ा परिश्रम करते हैं केवल इसी आशा पर कि वे सफलता का मुख देखेंगे ।
एक किसान घोर उष्णता और शीत का तनिक भी ध्यान नहीं करता | इसी प्रकार व्यापारी लोग व्यापार में धन
लगाते हैं केवल इसी आशा का आश्रय लेकर ताकि उनका व्यापार उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो | तभी तो बुद्धिमान
तथा महापुरुषों ने आशा को मानव रुपी जहाज का संबल कहा
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