Hindi, asked by diya012345, 4 months ago

आश्चर्य की बातहकिमनप्य कभी अपने आपसे यह पश्न नहीजरता कि उसेज्याचाहेर स
स्पर वह जानता
नाम तुमी उसे प्रोसरह पाता गौतम बुद्धको -
पसंद नहीं कर पाए थे तब उनके मन में पर- उठा था कि आखरमड़े स्तोम कसे मिलेगा इस पर
उन्हें बडी साधना से मिला गौतम बुद्ध परमात्मा को नहीं मानते थे उहा- ह निज निजान
मानव जीवन सुखो हो सकता है करण करने वाला अपने लिए नहीं तो दुनिया के लिए जोता है इसी से
आनद मिलता है वास्तवमानकालक्ष्य यही भानट पनाह
अपठित गदयाशका शीषक टीजिर
- सामान्य तौर पर मनुष्य जीवन में क्या चाहता है
मनुष्य जीवन का वास्तविक कष्ट क्याने
मनुष्य अपने सासारिक दुख को दूर करने के लिए क्या उपाय करता है
गोतम बुदने मानव जीवन को मुख बनाने कौन सा उपाय खो​

Answers

Answered by divyanshirajpoot
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Answer:

अपठित गद्यांश का शीर्षक – मानव जीवन का लक्ष्य

सामान्य तौर पर मनुष्य अच्छा काम धंधा, सुख वैभव और विलास के साधन चाहता है.

मनुष्य जीवन का वास्तविक कष्ट, परमात्मा से कटा होना है.

अपने सांसारिक दुखों को दूर करने के लिए संसार एक रिश्ता और सफलताओं में लीन रहता है.

गौतम बुद्ध ने मानव जीवन को सुखी बनाने के लिए करुणा अपनाने के लिए कहा.

मानव जीवन का सच्चा लक्ष्य है – आनंद की प्राप्ति.

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