Hindi, asked by prajapatishivam51364, 3 months ago

` आश्रम में आने वाली महिलाओं के लिए आचार संहिता `​

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Answered by duminy7
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Answer:

समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है।[1] दूसरे शब्दों में, अलग-अलग पंथों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही 'समान नागरिक संहिता' का मूल भावना है। समान नागरिक कानून से अभिप्राय कानूनों के वैसे समूह से है जो देश के समस्त नागरिकों (चाहे वह किसी पंथ क्षेत्र से संबंधित हों) पर लागू होता है।[2] यह किसी भी पंथ जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है।

समान नागरिकता कानून के अंतर्गत आने वाले मुख्य विषय ये हैं-

व्यक्तिगत स्तर,

संपत्ति के अधिग्रहण और संचालन का अधिकार,

विवाह, तलाक और गोद लेना ।

भारत का संविधान, देश के नीति निर्देशक तत्व में सभी नागरिकों को समान नागरिकता कानून सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।[3] हालाँकि इस तरह का कानून अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ यह लागू है।

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