आश्रम व्यस्था के चरण एवं महत्व को साझाइये
Answers
Answered by
11
इन्ही चार भागों को चार आश्रमों की संज्ञा दी गयी है। ... मनुष्य के जीवन के प्रथम 25 वर्ष ब्रह्राचर्य आश्रम, द्वितीय 25 वर्ष अर्थात् 50 वर्ष तक गृहस्थ आश्रम, तीसरे 25 वर्ष अर्थात् 75 वर्ष तक वानप्रस्थ आश्रम तथा अन्तिम 25 वर्ष सन्यास आश्रम के कहलाते है। अब हम आश्रम व्यवस्था के इन चारों भागों या प्रकार को विस्तार से समझेंगे।
hope it helps you
Answered by
3
आश्रम शब्द श्रम धातु से निकला है जिसका अर्थ होता है प्रयत्न या परिश्रम। इस प्रकार एक आश्रम तुलनात्मक रूप से श्रम का एक उल्लेखनीय भाग या कर्मस्थली है जिसमे व्यक्ति अपनी योग्यता व क्षमता के अनुसार किन्ही वैयक्तिक व सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति ( या धार्मिक कर्तव्यों के निर्वाह) के लिए प्रयत्न करता है।
Hope it is helpful for you !!
have a nice day !!
Similar questions
Math,
11 days ago