आश्रम व्यवस्था का अर्थ एवं परिभाषा एवं प्रकार एवं महत्व समझाइए
Answers
Answered by
2
Answer:
आश्रम व्यवस्था प्रमुख रूप से एक वैयक्तिक अवधारणा है। जिसके अन्तर्गत व्यक्ति को अपनी आयु के विभिन्न स्तरों में पृथक-पृथक दायित्वों का निर्वाह करते हुए मोक्ष के अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त करना होता है। ... छान्दोग्य उपनिषद् में भी गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं ब्रºाचर्याश्रम कुल तीन आश्रमों का उल्लेख है।
Answered by
1
Explanation:
आश्रम अवस्था प्रमुख रूप एक वक्तित अवधारणा है
Similar questions
History,
15 hours ago
English,
1 day ago
Social Sciences,
1 day ago
English,
7 months ago
Geography,
7 months ago