आशय स्पष्ट कीजिए।
(1) अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो गया
(2) उनके मुख से भय विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई।
(0) ऐसा मनुष्य, मनुष्य नही देवता है।
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