आशय स्पष्ट कीजिए
1 ईन शिखरों की ऐसी माया, जैसा पृभात
संध्या वैसी
Answers
Answered by
0
यह ज़बान की चाबुक से पड़ी ऐसी मार थी, जिसके निशान शरीर पर नहीं धनराम के दिल पर लगे थे। एक बच्चे के मन ने इस बात को मान लिया कि वह पढ़ने के लायक नहीं है। यही कारण है मास्टर त्रिलोक सिंह के कथन को लेखक ने ज़बान के चाबुक कहा है।
hope it helps
Please mark as Brainliest..
Similar questions
History,
1 month ago
India Languages,
1 month ago
Economy,
3 months ago
Political Science,
10 months ago
English,
10 months ago