Computer Science, asked by sanayaakhtar3230, 1 month ago

आशय स्पष्ट कीजिए। (Explain the meaning.)
(क) उनकी गाथा पर निशीथ में क्षुद्र जंतु ही गाते।
(ख) अंतिम लीलास्थली यही है लक्ष्मी मर्दानी की।आज से स्पष्ट कीजिए ​

Answers

Answered by devbindu1298
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Answer:

कवयित्री-परिचय

प्रश्न 1.

श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन-परिचय देते हुए उनकी प्रमुख काव्य-कृतियों (रचनाओं) पर प्रकाश डालिए। [2009, 10]

या

कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए। [2011, 12, 13, 14, 16, 18]

उत्तर

सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं से एक सच्ची वीरांगना का ओज और शौर्य प्रकट होता है। इनकी काव्य-रचनाओं ने भारतीय युवाओं के उदासीन जीवन में उत्साह का संचार कर स्वतन्त्रता-प्राप्ति के लिए अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान की। आपकी (UPBoardSolutions.com) कविताएँ जन-जन के गले का हार बनीं और आप जन-कवयित्री के रूप में जानी जाने लगीं।

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जीवन-परिचय–क्रान्ति की अमरसाधिका सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म सन् 1904 ई० में इलाहाबाद जिले के निहालपुर गाँव में हुआ था। इनके पिता रामनाथ सिंह सुशिक्षित, सम्पन्न और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा क्रॉस्थवेट गर्ल्स कॉलेज में हुई और 15 वर्ष की उम्र में इनका विवाह खण्डवा (मध्य प्रदेश) के ठाकुर लक्ष्मणसिंह चौहान के साथ हुआ। इनके पति ब्रिटिश राज्य के विरुद्ध राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेते थे। सुभद्राकुमारी भी पति के साथ राजनीतिक आन्दोलनों में भाग लेती रहीं, जिसके परिणामस्वरूप ये अनेक बार जेल भी गयीं। असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के कारण इनका अध्ययन-क्रम भंग हो गया था। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से प्रेरित होकर ये राष्ट्र-प्रेम पर कविताएँ लिखने लगीं। हिन्दी-काव्य-जगत् में ये ही ऐसी कवयित्री थीं, जिन्होंने अपनी ओजमय कविता द्वारा लाखों (UPBoardSolutions.com) भारतीय तरुण-तरुणियों को स्वतन्त्रता-संग्राम में भाग लेने हेतु प्रेरित किया। ‘झाँसी वाली रानी थी’ तथा ‘वीरों का कैसा हो वसन्त’ कविताएँ तरुण-तरुणियों में क्रान्ति की ज्वाला फेंकती रहीं। इन्हें पं० माखनलाल चतुर्वेदी से भी पर्याप्त प्रोत्साहन मिला, परिणामस्वरूप इनकी देशभक्ति का रंग और भी गहराता गया। आप मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्या भी रहीं। सन् 1948 ई० में हुई एक वाहन-दुर्घटना में नियति ने एक प्रतिभाशाली कवयित्री को हिन्दी-साहित्य जगत् से असमय ही छीन लिया। ।

काव्य-कृतियाँ-सुभद्राकुमारी चौहान की प्रमुख काव्य-कृतियाँ निम्नवत् हैं

(1) मुकुल–इस संग्रह में वीर रस से पूर्ण ‘वीरों का कैसा हो वसन्त’ आदि कविताएँ संग्रहीत हैं। इस काव्य-संग्रह पर इन्हें सेकसरिया’ पुरस्कार प्राप्त हुआ था। |

(2) त्रिधारा-इस काव्य-संग्रह में ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ प्रसिद्ध कविता संग्रहीत है। इनके इस संग्रह में देशप्रेम की भावना व्यक्त होती है।

(3) सीधे-सादे चित्र,

(4) बिखरे मोती तथा

(5) उन्मादिनी। ये तीनों इनके कहानी-संकलन- हैं।

साहित्य में स्थान–श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान ने अपने काव्य में जिस वीर नारी को प्रदर्शित किया है वह अपने आपमें स्पृहणीय और नारी जगत् के लिए आदर्श है। आप अपनी ओजस्वी वाणी और एक समर्थ कवयित्री के रूप में हिन्दी-साहित्य में अपना (UPBoardSolutions.com) विशेष स्थान रखती हैं। .

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