आशय स्पष्ट कीजिए- (i) उसके मुँह पर गंभीर विषाद के साथ धैर्य की रेखा थी।
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Chapter-10 CHOTA JADUGAR
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लेखक ने देखा कि उसके गले में फटे कुर्ते के ऊपर से एक मोटी-सी सूत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते थे। उसके मुँह पर गंभीर विषाद के साथ धैर्य की रेखा थी। जिसमे अभाव में भी संपूर्णता थी। “मुझे शरबत न पिलाकर आपने मेरा खेल देखकर मुझे कुछ दे दिया होता, तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती
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उसने ही कठिन परिस्थिति में उलझन आने ke पश्चात भी अपने धैर्य को नहीं खोया
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