आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे
तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर
उभरे थे।
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(क) लॉरेंस बनावट से दूर रहकर प्राकृतिक जीवन जीते थे। वे प्रकृति से प्रेम करते हुए उसकी रक्षा के लिए चिंतित रहते थे। इसी तरह सालिम अली ने भी प्रकृति की सुरक्षा, देखभाल के लिए प्रयास करते हुए सीधा एवं सरल जीवन जीते थे।
(ख) मृत्यु ऐसा सत्य है जिसके प्रभाव स्वरूप मनुष्य सांसारिकता से दूर होकर चिर निद्रा और विश्राम प्राप्त कर लेता है। उसका हँसना-गाना, चलना-फिरना सब बंद हो जाता है। मौत की गोद में विश्राम कर रहे सालिम अली की भी यही स्थिति थी। अब उन्हें किसी तरह से पहले जैसी अवस्था में नहीं लाया जा सकता था।
(ग) टापू समुद्र में उभरा हुआ छोटा भू-भाग होता है जबकि सागर अत्यंत विशाल और विस्तृत होता है। सालिम अली भी प्रकृति और पक्षियों के बारे में थोड़ी-सी जानकारी से संतुष्ट होने वाले नहीं थे। वे इनके बारे में असीमित ज्ञान प्राप्त करके अथाह सागर-सा बन जाना चाहते थे।