Hindi, asked by tahfeemara, 6 hours ago

आशय स्पष्ट कीजिए :
मुझे तोड़ लेना, वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ, वीर अनेक।
न (Language Skills)​

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Answered by drsurendrapdsuman
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यह पंक्तियाँ श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी की कविता पुष्प की अभिलाषा में से ली गई है | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि हमें यह कहना चाहता है कि पुष्प की यह अभिलाषा है कि पुष्प चाहते हैं कि हमें उस पथ पर फेंक देना जिस पथ पर वीर सपूत मातृभूमि कि रक्षा करने जाते हैं |

Answered by shishir303
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आशय स्पष्ट कीजिए :

मुझे तोड़ लेना, वनमाली!

उस पथ पर देना तुम फेंक।

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,

जिस पथ जाएँ, वीर अनेक।

आशय : यह कविता प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित की गई है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने एक फूल की आकांक्षा को व्यक्त किया है। फूल यह चाहता है कि वह देश के लिए अपने प्राणों को बलिदान करने जा रहे देशभक्त सैनिकों के पैरों के नीचे आए तब उसका जीवन सार्थक हो जाएगा। यह कविता देश प्रेम के महत्व को प्रकट करती है।

पुष्प कहता है कि हे वनमाली!  तुम मुझे तोड़ कर उस रास्ते में फेंक देना, जिस रास्ते से देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक को निछावर करने वाले सैनिक जा रहे हों। ऐसे सैनिकों के पैरों तले आकर मैं स्वयं को धन्य समझूंगा।

#SPJ3

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https://brainly.in/question/37131328

निम्नलिखित रचनाओं में से किसी एक रचना के रचयिता का नाम लिखिए-

(i) त्रिधारा : सुभद्राकुमारी चौहान

(ii) जमीन पक रही है : केदारनाथ सिंह

(ii) पंचवटी : मैथिलीशरण गुप्त

(iv) समर्पण​ : माखनलाल चतुर्वेदी

https://brainly.in/question/22511103

पुष्प वनमाली से क्या कह रहा है ?​

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