आशय स्पष्ट कीजिए।( Neelkanth)
(i) नाम के अनुरूप वह स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई।
(ii) मयूर कलाप्रिय वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं।
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(i) नाम के अनुरूप वह स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई।
► नाम के अनुरूप ही वह कुब्जा साबित हुई, इस कथन से आशय यह है कि लेखिका जिस दूसरी मोरनी को उसकी घायल अवस्था में अपने घर लेकर आई थी और उसे उपचार द्वारा ठीक किया गया।उसका नाम कुब्जा रखा. लेकिन वह अपने नाम के अनुरूप ही कुब्जा ही साबित हुई। लेखक के पास पहले से मौजूद दो मोर मोरनी के जोड़े नीलकंठ और राधा का साथ नहीं मोरनी कुब्जा को नहीं भाता था और जब भी वह इन दोनों को साथ देखती तो मारने को दौड़ती। वह कुब्जा मोरनी नीलकंठ के साथ रहना चाहती थी लेकिन नीलकंठ उससे दूर भागता था। एक बार उसने राधा की कलगी और उसके पंख नोच वाले, उसे चोंच मारकर घायल कर दिया। इस तरह वह नाम से कुब्जा साबित हुई।
(ii) मयूर कलाप्रिय वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं।
► मयूर कला प्रिय वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं। इस कथन का आशय यह है कि प्रकृति में जितने भी जीव जंतु है, मयूर की का स्वभाव उन सब से भिन्न है। उसको बाज या चील जैसे पक्षियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका कार्य बुरे कर्म करना होता है। मयूर भले ही सांप सर्प के प्रति आक्रामक होता है लेकिन वह हिंसक मात्र ही नही होता। वह केवल अपनी रक्षा के लिए साँप को मारता है अथवा प्रकृति बरसात में प्राकृतिक वातावरण मनमोहक होने पर वह नृत्य करता है और अपने पंखों को लहरा कर नयनाभिराम दृश्य उत्पन्न करता है। इस तरह पर एक कला प्रिय पक्षी है हिंसक मात्र नहीं।
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लेखिका ने मोर के जोड़े को कितने रुपये में खरीदा?
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