Hindi, asked by katiekhiangte6394, 11 months ago

आशय स्पष्ट करें -
आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर जाना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही शेष हो जाती थी। अन्य तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।

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Answered by srivastava76
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Answer:

is vakya ka ashay ye h Ki, jis prakar aakash se tutkar koi chamakta hua Tara dharti PR aane wala hota h ,to uski chamak khatm ho jati h or uski roshni khone pr baki tare uski asfalta pr haste h , usi prakar jab insaan apne kisi kaam me asafal ho jata h to baki k anya log uski asafalta pr haste h

Answered by nikitasingh79
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इन पंक्तियों का आशय "आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर जाना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही शेष हो जाती थी। अन्य तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।" निम्न प्रकार से है :  

प्रस्तुत गद्यांश का आशय है कि मलेरिया और हैजे के फैलने से संपूर्ण वातावरण था । चारों ओर भयानक अंधेरा और सन्नाटा छाया हुआ था । ऐसे भयानक वातावरण में आकाश से टूटकर यदि कोई तारा भावुक होकर पृथ्वी पर जाना भी चाहता था, तो इस विभीषिका पूर्ण वातावरण से त्रस्त होकर उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही खत्म हो जाती थी। अमावस्या के गहन अंधकार में आकाश से टूटने वाले तारों का प्रकाश पृथ्वी पर दिखाई नहीं देता था। ऐसी स्थिति में आकाश के अन्य तारे की भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिला कर हंस पड़ते थे।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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