आशय स्पष्ट करे
होती सीमाहीन क्षितिज से, इन पंखों की होड़ा-होड़ी। या तो क्षितिज मिलन बन जाता, या तनती साँसों की डोरी।
Answers
Answered by
2
Answer:
नीड़ न दो, चाहे टहनी का आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो, लेकिन पंख दिए हैं, तो आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।
Similar questions
Math,
11 days ago
English,
11 days ago
Biology,
11 days ago
English,
22 days ago
Computer Science,
8 months ago