आशय स्पष्ट करें
है विकल देश सारा अभाव के तापों से,
दिल्ली सुख से सोई है नरम रजाई में
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इन पंक्तियों का आशय है कि कवि ये कहना चाहता है कि दिल्ली अर्थात दिल्ली की सरकार यानि कि भारत की सरकार भारत के ग्रामीणों और किसानों के दुख के बारे में नहीं सोचते।
भारत के किसान अभाव से ग्रस्त हैं फिर भी अपने श्रम से हो अन्न उपजाते और उसी अन्न को दिल्लीवासी और सारे देश के लोग खाते हैं और वही अन्नदाता किसान भूखा मरता है। लेकिन फिर भी उन किसानों को दुर्दशा से उबारने के बारे में कोई कुछ नहीं सोचता। यह दिल्ली कितनी हृदयहीन है। जो अन्नदाता किसान की तकलीफ हो को महसूस नहीं करती और उन्हें उनके दुखों से मुक्त करने के बारे में कोई उपाय नहीं करती। सारा देश अभावों से तड़प रहा है और दिल्ली अर्थात चैन की नींद सो रही है।
यहां कवि का दिल्ली से आशय सरकार से है यानि कि भारत की केंद्र सरकार जो दिल्ली से ही संचालित होती है। कवि ने भारत की सरकार को संबोधित करते हुए दिल्ली शब्द को संदर्भित किया है।
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