Hindi, asked by yasrabahmed964, 5 months ago

आशय स्पष्ट करो लगता है, इस पिंजरे की प्रत्येक सलाख , हसंती रहती है, मेरी ओर देखकर ।

Answers

Answered by vidhisingh9956
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Explanation:

यह कविता थोड़ा उड़ने दो की कुछ पंक्तियां है‌ अर्थात - इस कविता में एक बंदी -पक्षी की पीड़ा व्यक्त की गई है। उसके अनुसार पिंजरे की सलाखें उन्हें देख हंसती है, मानो उनका मजाक उड़ा रही हैं। पक्षी विनती करती है कि उन्हें स्वतंत्र छोड़ दिया जाए जिससे वे खुले आसमान में स्वछंंद उड़ सके।

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