Hindi, asked by redXrajRISHI, 1 month ago

आशय स्पष्ट करें :-

यज्ञ कमाने की इच्छा से धन-दौलत लुटाकर ककया गया यज्ञ, सच्चा यज्ञ नहीं है, नन:स्वार्थ भाव से ककया गया

कमथ ही सच्चा यज्ञ – महायज्ञ है |​

Answers

Answered by Sanjalik20
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Answer:

धन्ना सेठ ही पत्नी के अनुसार स्वयं भूखे रहकर चार रोटियाँ किसी भूखे कुत्ते को खिलाना ही महायज्ञ है। इस तरह यज्ञ कमाने की इच्छा से धन-दौलत लुटाकर किया गया यज्ञ, सच्चा यज्ञ नहीं है, निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म ही सच्चा यज्ञ महायज्ञ है।

Answered by OoINTROVERToO
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धन्ना सेठ ही पत्नी के अनुसार स्वयं भूखे रहकर चार रोटियाँ किसी भूखे कुत्ते को खिलाना ही महायज्ञ है। इस तरह यज्ञ कमाने की इच्छा से धन-दौलत लुटाकर किया गया यज्ञ, सच्चा यज्ञ नहीं है, निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म ही सच्चा यज्ञ महायज्ञ है।

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