Hindi, asked by anshusharma69, 10 months ago

आतंकवाद एक वैश्विक समस्या पर 150 शब्द में निबंध​

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Answered by Raghuroxx
14

Answer:

पिछले एक दशक में पूरे विश्व में आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है| 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ आतंकी हमला आतंकवाद के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है| वैसे तो आज लगभग पूरा विश्व ही आतंकवाद की चपेट में है किंतु भारत दुनियाभर में आतंकवाद से सार्वधिक त्रस्त देशों में से एक है| इसका प्रमुख कारण भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान है| भारत और पाकिस्तान में आरंभ से ही जम्मू कश्मीर राज्य विवाद का मुद्दा रहा और दोनों ही देश इस पर अपना अधिकार करना चाहते हैं| पाकिस्तान कश्मीर को हथियाने के लिए अब तक 3 बड़े युद्ध कर चुका है और आए दिन सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करता रहता है, लेकिन अभी तक उसके हाथ असफलता ही लगी है इसलिए उसने भारत को आंतरिक रुप से नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेना शुरू कर दिया है|

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे और पाकिस्तानी घुसपैठ को रोकते हुए इस राज्य पर अपनी प्रशासनिक पकड़ मजबूत करनी होगी तथा आवश्यकता पड़ने पर पाकिस्तानी से द्विपक्षीय वार्ता के अतिरिक्त उसे प्रति कठोर कदम उठाने के लिए भी तैयार रहना होगा| इसका नतीजा यह निकला है कि यदा-कदा भारत आतंकी हमलों का निशाना बनता रहता है| 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट, 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुआ हमला, 7 मार्च 2006 को हुआ वाराणसी बम धमाका, 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुआ बम विस्फोटक, 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल पर हमला आदि कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो भारत को आतंकवाद पीड़ित देश घोषित करती है| इन बड़ी घटनाओं के अतिरिक्त आतंकवादी भारत में अनेक छोटी मोटी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं|


RahulSinghmeena: nice
Answered by yamini515
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आतंकवाद विश्वभर में फैला है, अभी कुछ दशकों में, उसने नए आयाम हासिल किए हैं और इसका कोई अंत नहीं है। जिस तरह से यह पिछले कुछ सालों से बढ़ रहा है, यह सीमाओं से परे है, हम सभी के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय है। हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नेताओं द्वारा निंदित किया गया है, पर इसका कोई असर नहीं हुआ है, यह कई गुना बढ़ रहा है और इसके सबूत भी सभी जगह है।

आतंकवादियों और उग्रवादियों ने अपने शत्रुओं को आतंकित करने के लिए सभी तरह के हथियारों और रणनीतियों का उपयोग किया है। वे बम विस्फोट करते हैं, राइफल्स, हथगोले, रॉकेट, लूटने वाले घरों, लूट के लिये बैंकों और कई धार्मिक स्थानों को नष्ट करते हैं, लोगों का अपहरण करते हैं, बसों और विमानों में आग लगते हैं, आगजनी और बलात्कार करते हैं, यहाँ तक कि बच्चों को भी नहीं छोड़ते हैं।

विश्व भर में आतंकवाद Worldwide Terrorism

फलस्वरूप, आज दुनिया दिन प्रतिदिन असुरक्षित, खतरनाक और भयभीत जगह बनती जा रही है। इस क्रूर श्रृंखला के कार्य और भयावह हिंसा से भरी प्रतिक्रिया बहुत ही खतरनाक है जिसे नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है। आतंकवाद, हिंसा, रक्तपात और हत्याएं आदि आज दिन का एक क्रम बन गए हैं।

भारत, पाकिस्तान, पूरे मध्य पूर्व, अफगानिस्तान, यूरोप के कुछ हिस्से, लैटिन अमेरिका और श्रीलंका आदि सभी इस तरह के राक्षसों या कुरूप मनुष्यों की खोज में हैं। आतंकवादियों का उद्देश्य लोकतांत्रिक और वैध सरकारों को उखाड़ फेंकने और नष्ट करने के द्वारा राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना है। वे अपने राजनीतिक दौर को प्राप्त करने के लिए विशाल पैमाने पर अशांति और अस्थिर स्थितियां बनाने का प्रयास करते हैं।

वे बहुत शक्तिशाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निहित हितों द्वारा प्रशिक्षित, प्रेरित और वित्तपोषित हैं, वे इन शक्तियों से घातक हथियार और गोला-बारूद प्राप्त करते हैं और लोगों में कहर पैदा करते हैं। इस बदसूरत और खतरनाक, सामाजिक और राजनैतिक घटना को आतंकवाद कहा जाता है।

आतंकवाद की कोई, समय, सीमा, जाति और धर्म या पंथ नहीं है। यह दुनिया भर में फैला है और समाज में और राजनीतिक समूहों के रूप में निराशा पैदा करता है, यह धार्मिक कट्टरपंथियों और गुमराह गुटों में अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है।

वे अपने संकीर्ण, सांप्रदायिक और अपवित्र उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हर तरह की असामाजिक और गैर-सरकारी गतिविधियों में शामिल होते हैं। कभी-कभी, आतंकवादियों के पास बहुत अच्छे उद्देश्य हो सकते हैं लेकिन फिर वे हिंसा का सहारा लेते हैं क्योंकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ होते हैं क्योंकि उसमें उनकी विभिन्न कमजोरियां निहित होती है।

वे बहुत शक्तिशाली राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निहित हितों द्वारा प्रशिक्षित, प्रेरित और वित्तपोषित हैं, वे इन शक्तियों से घातक हथियार और गोला-बारूद प्राप्त करते हैं और लोगों में कहर पैदा करते हैं। इस बदसूरत और खतरनाक, सामाजिक और राजनैतिक घटना को आतंकवाद कहा जाता है।

आतंकवाद की कोई, समय, सीमा, जाति और धर्म या पंथ नहीं है। यह दुनिया भर में फैला है और समाज में और राजनीतिक समूहों के रूप में निराशा पैदा करता है, यह धार्मिक कट्टरपंथियों और गुमराह गुटों में अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रहा है।

वे अपने संकीर्ण, सांप्रदायिक और अपवित्र उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हर तरह की असामाजिक और गैर-सरकारी गतिविधियों में शामिल होते हैं। कभी-कभी, आतंकवादियों के पास बहुत अच्छे उद्देश्य हो सकते हैं लेकिन फिर वे हिंसा का सहारा लेते हैं क्योंकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ होते हैं क्योंकि उसमें उनकी विभिन्न कमजोरियां निहित होती है।


RahulSinghmeena: nice
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