आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के विषय में दो मित्रों के बीच हुए संवाद लिखिए।
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आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के विषय में दो मित्रों के बीच हुए संवाद लिखिए।
Answer:
रोहित: हाय, मोहित कैसे हो|
मोहित: हाय, मैं ठीक हूँ तुम बताओ|
रोहित: मैं भी ठीक हूँ, तुमने टीवी ओर अख़बार मैं आतंकवाद के बारे में सुना|
मोहित: हाँ आजकल समाचारों में जहां देखो आतंकवादी हमले की खबरें देखने और सुनने को मिलती है|
रोहित: मुझे समझ नहीं आता ये लोग चाहते क्या है, ये सब करके क्या हासिल करना चाहते है|
मोहित: ये बस लोगों को मारना डराना और राज करना चाहते है|
रोहित: सच मैं इन आतंकवादियों को मरने का भी डर नहीं लगता इनका एक मकसद होता लोगों को मारना|
मोहित: पर मोहित , मेरी समझ नहीं आता , मासूम बच्चों और लोगों क्या कसूर होता है सबको मार देते है|
रोहित: ये लोग निर्दयी होते है, ना इनका की कोई परिवार होता है ना दिल|
मोहित: तुम सही कह रहे हो, सरकार भी कर रही इनको रोकने का प्रयत्न|
Answer:
राजा : नमस्कार रानी, केसे हो?
रानी : नगरकार ! मे ठीक हूँ, तुम बताओ।
राजा : मैं भी ठीक हूँ, तुमने टीवी ओर अख़बार मैं आतंकवाद के बारे में सुना !
रानी : हाँ आजकल समाचारों में जहां देखो आतंकवादी हमले की खबरें देखने और सुनने को मिलती है|
राजा : मुझे समझ नहीं आता ये लोग चाहते क्या है, ये सब करके क्या हासिल करना चाहते है ?
रानी : राजा, यह कुछ गुमराह युवकों की गलत सोच, लालच और बुरे कार्यों का परिणाम है जिसमें निर्दोषों की जान जाती है और समाज में अशांति फैलती हैं। ये बस लोगों को मारना डराना और राज करना चाहते है|
राजा : सच मैं इन आतंकवादियों को मरने का भी डर नहीं लगता इनका एक मकसद होता लोगों को मारना|
रानी : पर राजा, मेरी समझ नहीं आता , मासूम बच्चों और लोगों क्या कसूर होता है सबको मार देते है|
राजा : ये लोग निर्दयी होते है, ना इनका की कोई परिवार होता है ना दिल| वे ठंडे दिल बनाते हैं ताकि वे दूसरों को दर्द महसूस न करें।
रानी : तुम सही कह रहे हो, सरकार उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है|
राजा : यह काम अकेले सरकार से नहीं होगा। इसके लिए युवाओं को भी अपनी सोच बदल लेनी चाहिए।
रानी : हाँ, मुझे अब जाना चाहिए! अलविदा.
राजा : अलविदा! अच्छा फिर मिलते हैं।