आतंकवाद के दुष्प्रभाव
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आतंकवाद के दुष्प्रभाव
आतंकवाद आज विश्व की सबसे मुख्य समस्या बन गया ।है विश्व के ज्यादातर देश आतंकवाद से किसी ना किसी रूप में पीड़ित हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। आतंकवाद के क्या कारण हैं, किन कारणों से आतंकवाद बनाता है? आतंकवाद कुछ मुट्ठी भर लोगों की महत्वाकांक्षा के विस्तार का परिणाम है। आतंकवाद बिना मेहनत करे जबरदस्ती किसी कार्य की पूर्ति का हथियार बन गया है। आतंकवाद धार्मिक कट्टरता, क्षेत्रीय कट्टरता, सामुदायिक कट्टरता को उभरने के बाद भी पैदा होता है।
आतंकवाद का सबसे ज्यादा असर आम जनता पर होता है आतंकवादी आम जनता को नुकसान पहुंचा कर उनकी जान लेकर उन्हें शारीरिक मानसिक या अन्य किसी रूप में नुकसान पहुंचाकर उस देश की सरकार को अपनी मौजूदगी का संदेश देना चाहते हैं। आतंकवादियों का मानवीयता या दया से कोई वास्ता नहीं होता है।
आतंकवादियों का उद्देश्य किसी भी सरकार या प्रशासन पर अपना वर्चस्व कायम करना होता है, उसके लिए वह मासूम व निर्दोष लोगों की जान लेने से भी नही हिचकते।
आतंकवाद के दुष्परिणाम यह हैं कि लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है। लोग हर जगह स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं। आतंकवाद से जानमाल की क्षति बहुत होती है। जिससे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ता है। आतंकवाद की वजह से आपसी विश्वास भी कम होता है, क्योंकि आतंकवादी किसी न किसी समूह का प्रतिनिधित्व तो करते हीं हैं या उस समूह का आड़ लेकर अपनी गतिविधियां चलाते हैं जिस कारण उस समूह के अन्य लोगों, जिनका आत्मविश्वास से कोई वास्ता नही है, उन्हें भी संदेह की नजरों से देखा जाता है।
आतंकवाद से निपटने का उपाय बस यही है कि समय रहते उसे पहचान लिया जाये और ज्यादा पनपने ही न दिया जाये। समाजिक असमानता को कम किया जाये। सद्भावना का माहौल बनाया जाये। धार्मिक कट्टरता या क्षेत्रीय कट्टरता को अधिक बढ़ावा न दिया जाये।