आतंकवाद और भारत पर निबंध
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भारत में आतंकवाद का एक लंबा इतिहास रहा है। यह उन आतंकवादी समूहों द्वारा कायरतापूर्ण कार्य है जो देश की शांति को भंग करना चाहते हैं। इसका उद्देश्य लोगों के दिलो में दहशत की स्थिति पैदा करना होता है। वे देश को समृद्ध होने से रोकने के लिए लोगों को निरंतर भय की स्थिति में रखना चाहते हैं। आंतकवाद की समस्या देश में कई वर्षो से चला आ रहा है। आंतकवाद निहायती घिनौना गैर कानूनी काम है। यह मनुष्य जाति के लिए भीषण खतरा है। आंतकवाद का तात्पर्य है समाज में हिंसा फैलाना , बम ब्लास्ट , दंगे फसाद और मासूमो की जान ले लेना यह सारे आंतकवाद के भयानक चेहरे है। भारत ने आंतकवाद का सबसे पहला चेहरा बंगाल में नक्सलवाद के रूप में १९६७ को देखा था।
आंतकवाद समाज का वह घिनौना चेहरा है , जिससे सब डरते है। आज भारत के सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है , ताकि किसी भी प्रकार की देश में आंतकवाद संबंधित गतिविधयां ना हो। आंतकवाद की वजह से जान और माल का भयावह नुकसान होता है। देश के सुरक्षा बल , कमांडर आंतकवाद की गतिविधियों को रोकने का हर संभव कोशिश करते है। भारत के कुछ भयावह आंतकवादी हमलो में सबसे चर्चित मुंबई का छब्बीस ग्यारह का दिल दहला देने वाला आंतकवादी हमला था। जिसने पूरे मुंबई शहर को अपने पंजो में जकड़ लिया था। ताज महल होटल से लेकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर इसकी गूंज सुनाई गयी थी। कई लोगो और कई परिवार इस आंतकवादी हमले के कारण मारे गए थे और तबाह हो गए । वह सोचकर आज भी पूरे देश का दिल काँप उठता है।
आंतकवादी हमले का किसी भी देश पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सर्वप्रथम , यह नागरिकों के बीच आतंक की स्थिति पैदा करता है। बम विस्फोट या गोलीबारी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है। यह विभिन्न नागरिकों की असामयिक मृत्यु का कारण बनता है या उन्हें विकलांग बना देता है। चिंता और भय लोगो के दिल और दिमाग पर बहुत हद तक असर करता है। जिसकी वजह से लोग अपने जीने के तरीके को सीमित कर देते है।
आंतकवाद की वजह से भारत के पर्यटन क्षेत्र पर बहुत बुरा असर पड़ा है। पर्यटक उन स्थानों पर जाने से बचते हैं जो आतंकवादी हमलों की चपेट में आते हैं, इसलिए पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ता है। भारत एक ऐसा देश है जो पर्यटन से बहुत पैसे कमाता है। जब ये हमले होते हैं, तो जाहिर सी बात है पर्यटकों के बीच भय की स्थिति उतपन्न कर देता हैं। जिन लोगों ने यात्रा करने की योजना बनाई है, वे अपनी यात्राएं रद्द कर देते है।
आतंकवादियों ने नरीमन हाउस, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट और होटल ताज जैसी प्रसिद्ध जगहों पर कब्जा में ले लिया था और मासूम लोगो और बच्चो पर अंधाधुंध गोलिया बरसाई थी । उन्होंने लगभग 170 लोगों को मार डाला और लगभग 300 लोगों को घायल कर दिया। ये सभी पीड़ित लोग ,पुलिस अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और विदेशो से आये पर्यटक भी थे। इसे आज भी एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है।
मुंबई ट्रेन विस्फोट भी बहुत घातक आंतकवादी हमला था । यह हमले मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए और सात रेलवे स्टेशनों पर हमले हुए। इसने तकरीबन 210 लोगों की जान ले ली और 715 लोगों को घायल कर दिया।
भारतीय संसद हमला भी बहुत आश्चर्यजनक था। संसद सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक है। आतंकवादियों ने तीन संसद स्टाफ सदस्यों और छह पुलिस अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया। यह हादसा चौकाने वाला था , क्यूंकि इतने सुरक्षा कर्मियों के होने के बाववूद आंतकवादी कैसे घुस आये।
आंतकवाद की समस्याओं का मुख्य कारण है , जनसंख्या वृद्धि , अशिक्षा ,पैसो की कमी के कारण बुरे रास्तों का लोग अनुकरण करने लगते है। गलत समूहों के बहकावे में आकर लोग अपना होश खो देते है । इसके अलावा भी आंतकवाद के अन्य कारण हो सकते है , जैसे भ्र्ष्टाचार ,जातिवाद ,हिन्दू मुस्लिम जाति के बीच धर्म को लेकर दंगे को हवा देना इत्यादि। भारत में कई धर्मो के लोग निवास करते है। कुछ धार्मिक गुरु लोगो को धर्म के जाल में फंसाकर , एक दूसरे को एक दूसरे के खिलाफ उकसाते है। यह झुण्ड धार्मिक शिक्षाओं का दावा करके , लोगो के मन में भ्रम की स्थिति उतपन्न करते है , जिससे यह दंगे फसाद का रूप धारण कर लेते है।
कश्मीर में आये दिन आतंकवादी हमले हो रहे है। पाकिस्तान आये दिन भारत को आगे बढ़ता देख सह नहीं पाता है और हर बार आंतकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है और इस साल हर दफा सिज़ फायर का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। भारत का स्वर्ग कहलानेवाला राज्य कश्मीर की खूबसूरती को दहसत गरो ने अपनी चपेट में ले लिया है। पाकिस्तान कश्मीर को हड़पने के लिए इस प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को कई दशकों से अंजाम दे रहा है। भारत के अन्य राज्य जैसे असम, नागालैंड , तमिलनाडु भी आंतकवादी गतिविधियों के कारण पीड़ित है।
आंतकवादी झुण्ड भारत सरकार को धमकी देने और अपने नाजायज़ मांगो को पूरा करने के लिए इस प्रकार की जघन्य गतिविधियों को अंजाम देते है। आंतकवादी घटनाओं के कारण भारत को विदेशी निवेश के तहत काफी नुकसान झेलना पड़ता है। भारतीय व्यवसाय पर विदेशी राष्ट्र आंतकवाद के चलते निवेश करने से घबराते है।
भारत के अलावा रूस , मिस्र, इराक, लीबिया ,कोलोम्बिया , थाईलैंड , तुर्क, सोमालिया और नेपाल जैसे देश आंतकवादी गतिविधयों से परेशान है।
निष्कर्ष
आंतकवाद से लड़ने और उसे जड़ से उखारने के लिए कुछ संगठन है जैसे ATS , रॉ और राष्ट्रिय जांच एजेंसी है । यह सारे संगठन आंतकवादी गतिविधियों को होने से पहले भाप लेती है और सरकार को सूचित भी कर देती है। यह सारे सुरक्षा कर्मी अपने जान की परवाह किये बैगर आंतकवाद फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ लड़ती है और उनके मंसूबो को कामयाब नहीं होने देती है। इसी तरह एक जुट होकर लड़ना होगा। पूरे विश्व के सभी देशो को मिलकर आंतकवाद फैलाने वाले बुरे राक्षशो को हराना होगा।