आत्म नीर्भर्ता निबंध
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आत्मविश्वास जीवन की सफ़लता का सबसे बड़ा रहस्य है। आत्मविश्वास का अर्थ है अपनी शक्तियों एवं योग्यताओं पर विशवास और ख़ुद पर भरोसा होना। अपनी शक्तियों को पहचान कर ही हम आत्मविश्वास हासिल कर सकते हैं। यदि ख़ुद पर विशवास ना हो तो कुत्ता भी भेड़िया और रस्सी भी सांप नज़र आने लगती है। आत्मविश्वास वाला इन्सान आशाबादी होता है और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपनी योग्यता पर भरोसा करता है।
अमेरिका के प्रसिद्ध लेखक ओरिसन स्वेट मार्डन का कहना है की ” सफ़लता किसी पेड़ पर नहीं लगती जिसे जब चाहा तोड़ लिया बल्कि यह तो जीवन की सबसे अधिक आनंददायक चीज़ है और जिस को सिर्फ आत्मविश्वास के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है। प्रसिद्ध विचारक एमसर्ण ने भी आत्मविश्वास को सफलता का प्रथम रहस्य बताया है।
महान काम को करने के लिए सबसे जरूरी चीज़ आत्मविश्वास ही है। संसार में तीन प्रकार के लोग रहते हैं पहले लोग वो होते हैं जिनमें किसी काम को लेकर मन में डर लगा रहता है और वह मन की एकाग्रता को बनने ही नहीं देते ऐसे लोग किसी भी काम को शुरू करने से पहले हिचकचाते रहते हैं। वे अक्सर सोचते रहते हैं के यदि उनके द्वारा किया गया काम नहीं चला तो जाने कितनी हानि होगी। ऐसा सोच -सोच कर वह किसी कार्य को शुरू ही नहीं करते।
दूसरी श्रेणी में वो लोग आते हैं जो किसी काम को जैसे -तैसे शुरू तो कर लेते हैं किन्तु थोड़ी सी हानि देखकर घबरा जाते हैं वह अपने कदम आगे बढ़ाने से रोक लेते हैं के कहीं इससे ज्यादा हानि ना उठानी पड़े ऐसे लोग अपने कार्य को बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं जिन्हें माध्यम श्रेणी में गिना जाता है। इन लोगों में भी आत्मविश्वास की कमी होती है।
परन्तु तीसरी श्रेणी में वो लोग आते हैं जिनमें कूट -कूट कर आत्मविश्वास भरा होता है ऐसे लोग जिस भी कार्य को शुरू करते हैं वे उस कार्य को हर कीमत पर पूरा करके ही दम लेते हैं फिर चाहे उन्हें उस कार्य में कितनी बड़ी हानि क्यों ना हुई हो वे कार्य को बीच में नहीं छोड़ते बल्कि उस कार्य को पूरा करने में पूरी जी जान लगा देते हैं ऐसे लोग जिन्दगी में आने वाली हर मुसीबत का डट कर सामना करते हैं बिना किसी डर और झिझक के।
लोग चढ़ते सूर्य को ही सलाम करते हैं इसी प्रकार जो इंसान अपने आत्मविश्वास (Self Confidence) के द्वारा हर कार्य में सफ़लता हासिल करता है सभी उसका गुणगान करते हैं उस पर विशवास करते हैं। इसके विपरीत जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है बल्कि नीचे गिरने वालों को लोग धिक्कारते हैं उनका सम्मान नहीं करते भला जिस इंसान को ख़ुद पर ही विशवास नहीं दुनिया उसका विशवास कैसे करेगी। विश्व में ऐसे अनेक इंसान हुए हैं जिन्होंने अपने आत्मविश्वास के दम पर सफ़लता हासिल की महान वैज्ञानिक थोमस अल्वा एडिसन जिन्होंने बल्ब से लेकर हजारों आविष्कार किए वह बल्ब पर प्रयोग करते वक्त 1000 वार असफल हुए थे इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और वह लगातार लगे रहे अंत बल्ब का अविष्कार कर पूरी दुनिया को रोशन कर दिया यह उनका आत्मविश्वास ही था जिसने उनको इतनी बड़ी सफलता दिलाई
आत्मविश्वास (Self Confidence) बढ़ाने के लिए सबसे पहले अपने मन मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों को ग्रहण किया जाए। बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोचें के यह काम तो में अवश्य कर सकता हूं मुझे सफ़लता जरूर हासिल होगी मुझे यह काम हर हालत में करना ही है। इसके विपरीत नकारात्मक सोच विचार हमें लक्ष्य से दूर कर देते हैं वह हमारे आत्मविश्वास को नष्ट कर देते हैं इसीलिए ऐसे विचारों को अपने मन से निकाल फेंक दें। अंत अपने आत्मविश्वास को अपने अंदर से ढूंढें क्योंकि यह वही है जो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाने में आपकी मदद करेगा।
Short essay on Self Confidence 200 words
जीवन जीने के लिए जिस प्रकार साँसों की जरूरत होती है उसी तरह जीवन में सफल होने के लिए आत्म विश्वास की जरूरत होती है इसीलिए आत्मविश्वास शब्द की उत्पत्ति श्वास शब्द से हुई है .
जो आत्मविश्वास के साथ भरे रहते हैं हर कार्य को आत्मविश्वास के साथ करते हैं वह ही कल्पना चावला और सुनीता विल्लियाम्स की तरह ब्रह्मंड तक पहुंच सकते हैं और दोनों पांव ट्रेन से कट जाने के बाद भी अरुणिमा सिन्हा की तरह एवरेस्ट फतह का कर सकते हैं
जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थियों से हमें कभी भी घबराना नहीं चाहिए सघर्ष करते रहना चाहिए परिस्थियाँ तो मौसम की तरह होती हैं वे आज नहीं तो कल अवश्य दूर भाग जाएंगी आखिर चन्दन तभी खुशबु देता है जब उसकी घिसाई होती है .
हारना कोई बुरी बात नहीं है किन्तु हार कर हताश और निराश हो जाना जरूर बुरी बात है यदि एक तरीके से समस्या का समाधान न मिल पाए तो दूसरा तरीका अजमा लेना चाहिए दुसरे से न सुलझे तो तीसरा अपनाना चाहिए क्योंकि दोस्तों दुनिया में कोई ऐसा ताला नहीं बना जिसको कोई चाबी न लगती हो .
जिनका आत्मविश्वास कमजोर होता है वह निराशा , आलस्य और भय के शिकार हो जाते हैं मजबूत आत्मविश्वास से भरे लोग कभी भी हार नहीं मानते वह तो और भी दुगने उत्साह के साथ अपनी कमर कस लेते हैं
Answer:
बाइबल में आत्मा। ... तदनुसार, हिब्रू शब्द נֶ֫פֶשׁ, नेफेश, हालांकि कुछ पुराने अंग्रेजी Bibles में "आत्मा" के रूप में अनुवादित, वास्तव में "जीवित प्राणी" के लिए एक अर्थशास्त्री है। नेफेश का प्रतिपादन किया गया
आत्मा, जो कहती है कि एक मानव आत्मा पांच भागों से बना है: हृदय, छाया, नाम, आत्मा और स्पार्क।उनके पास संवेदनाएं और विचार, इच्छाएं और विश्वास हैं, और जानबूझकर कार्रवाई करते हैं। आत्माएं मनुष्य के आवश्यक अंग हैं। "एक आम ईसाई eschatology के अनुसार, जब लोग मर जाते हैं, तो उनकी