Hindi, asked by rahulvema896, 7 months ago

आत्म-प्रशंसा करने से गुण महत्वहीन हो जाता है। अपने विचार लिखिए। write answer in simple and easy language and in 4 or 5 lines ​

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Answered by mamtasrivastavashta1
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पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुभाषित । लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं ।

— संस्कृत सुभाषित

विश्व के सर्वोत्कॄष्ट कथनों और विचारों का ज्ञान ही संस्कृति है ।

— मैथ्यू अर्नाल्ड

संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं ; पहला, सुभाषितों का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति ।

— चाणक्य

सही मायने में बुद्धिपूर्ण विचार हजारों दिमागों में आते रहे हैं । लेकिन उनको अपना बनाने के लिये हमको ही उन पर गहराई से तब तक विचार करना चाहिये जब तक कि वे हमारी अनुभूति में जड न जमा लें ।

— गोथे

मैं उक्तियों से घृणा करता हूँ । वह कहो जो तुम जानते हो ।

— इमर्सन

किसी कम पढे व्यक्ति द्वारा सुभाषित पढना उत्तम होगा।

— सर विंस्टन चर्चिल

बुद्धिमानो की बुद्धिमता और बरसों का अनुभव सुभाषितों में संग्रह किया जा सकता है।

— आईजक दिसराली

— मैं अक्सर खुद को उदृत करता हुँ। इससे मेरे भाषण मसालेदार हो जाते हैं।

सुभाषितों की पुस्तक कभी पूरी नही हो सकती।

— राबर्ट हेमिल्टन

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