"आत्महत्या का विचार करना सरल है, आत्महत्या करना सरल नहीं" गांधीजी के इस कथन को समीक्षा कीजिए |
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आत्महत्या का विचार करना सरल है, आत्महत्या करना सरल नहीं।
आत्महत्या का विचार करना सरल है. आत्महत्या करना सरल नही। गाँधी जी का यह कथन बिल्कुल सही है, क्योंकि आत्महत्या के बारे में सोचना बेहद आसान है, लेकिन जब कोई भी व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए जाता है तो उसकी हिम्मत टूट जाती है। आत्महत्या करने की तो बहुत से लोग सोचते रहते हैं, लेकिन इस पर अमल करने के लिए हिम्मत नही जुटा पाते।
गाँधी जी ने यह कथन स्वयं के अनुभव से कहा था। जब उन्होंने बचपन में धूम्रपान आदि करने और चोरी आदि करने के कारण आत्मग्लानि में आकर अपने दोस्त के साथ आत्महत्या करने का विचार किया, लेकिन जब वह आत्महत्या का प्रयास करने गए तो उनकी हिम्मत नहीं हुई।
इसीलिए आत्महत्या करने का विचार करना सरल है, आत्महत्या करना सरल नहीं। जीवन में बहुत से लोग निराश हो जाती हैं और आत्महत्या करने का सोचने लगते हैं। लेकिन वे सोचते ही रहते हैं, उस पर अमल नहीं कर पाते क्योंकि आत्महत्या करना इतना आसान नहीं होता।