Hindi, asked by srinivas9668, 7 hours ago

आत्महत्या का विचार करना सरल है पर आत्महत्या करना नहीं गांधी जी की इस कथन की समीक्षा कीजिए

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Answered by pandeydevannshi
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Answer:

कवि नीरज जी ने कहा है कि "कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।"

गांधी जी ने उपरोक्त कथन कहा या नहीं पता नहीं। यदि कहा भी है तो सम्भवतः उनका तात्पर्य होगा कि विचार किसी भी परेशान व्यक्ति के मन में आ सकता है किन्तु हर व्यक्ति आत्महत्या नहीं करता जब वह अपने परिवार ,दोस्तों , रिश्तेदारो

के बारे में सोचता है या मरते समय होने वाले कष्ट के बारे में सोचता है ,तो वापस जीने के बारे में सोचता है। जब वह ठंडे दिमाग से सोचता है तो समझता है कि आत्महत्या किसी भी परेशानी का हल नहीं है। व्यक्ति को अपने कर्मों का भुगतान इसी धरती पर करना पड़ता है, आत्महत्या के बाद उसे उसके दुखों से मुक्ति नहीं मिलेगी ।

वास्तव में, आत्महत्या करने वाला व्यक्ति भी मरना नहीं चाहता बस अपने कष्टों से मुक्ति पाना चाहता है.और जीने का कोई रास्ता नज़र न आने पर ही आत्महत्या करता है।पर समस्या का हल तो ज़िंदा रहकर ही निकलता है।

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