India Languages, asked by prathameshschoudhary, 11 months ago

आत्मकथा "मी भारत माता बोलते

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Answered by ArshadNadeem
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i cant understand this question

Answered by payalchatterje
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आत्मकथा "मी भारत माता बोलते":

हेल्लो! मैं भारत माता बोल रही हूँ। आवाज़ आ रही है मेरी? शायद मेरे नाम के नारों में मेरी आवाज़ दब गयी है। ऊँची आवाज़ में बोलना मुझे कभी आया ही नहीं तो जो अपनी भारत माता को सुनना चाहते हैं वो कान लगा कर सुनें।

पिछले दिनों मेरी बातें ही कर रहे थे आपलोग तो मैं भी कान लगा के सुनने बैठ गयी। मुझे ख़ुशी हुई की अब भी मेरे बच्चे मुझे भूले नहीं है। मगर ये ख़ुशी चंद पलों की थी। इस शोर में जब बातें सुनाई दी तो समझ आया कि यहाँ मेरी नहीं मेरे जयघोष की बातें चल रही है। एक पल को तो मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हो रहा है। क्या मेरे बच्चों ने मेरी सारी तकलीफों से मुझे निजात दिला दी जो अभी इनके पास इस बहस का वक़्त है। ये मेरी जय की बात तो कर रहे थे मगर मेरी जय कैसे होगी उसकी कोई बात नहीं कर रहा था। मैंने अपने बदन पर निगाहें दौड़ा के देखी तो वही घाव अभी भी ताजा नज़र आये। कुछ भरे थे मगर कुछ घाव नए भी हो गए थे। पता नहीं आप लोगों की निगाहों में मेरी कैसी तस्वीर भरी हुई है मगर जब मैं आइना देखती हूँ तो जो दिखता है वो मेरा दिल तोड़ देता है। मुझे भूखे नंगे बच्चों की वो टोली दिखी जिन से हर कोई अपना दामन बचा के निकल रहा था। मुझे गटर में जहरीली हवा से दम तोड़ते अपने बच्चे दिखे। मेरी जमीन से जिसने अनाज निकाला वही बच्चे मुझे सूखे ठूँठ पर फाँसी से लटकते दिखे। मुझे मेरी बच्चियां भी दिखी मगर उनमे से कई की नज़रों में ज़माने का खौफ दिखा तो किसी की अस्मत लूटते दिखी। उस वक़्त मुझसे ज़्यादा बेबस कोई नहीं होगा जो ये सब देख कर भी कुछ कर नहीं पायी मैं। करती भी कैसे, मेरी उन तस्वीरों के जैसे मेरे चार चार हाथ नहीं है। मेरे हाथ पैर तो आप ही हैं मगर पता नहीं क्यों आप शिथिल पड़े हैं बस आपकी ज़ुबान चल रही है। समस्या बोल के या नारे लगा के हल नहीं होगी। इस से इतर आपको कोशिश करनी होगी की अपनी माँ के बदन पर और घाव न होने पाये। मैं तो आप सबकी माँ हूँ, जो मानते हैं उनकी भी और जो नहीं मानते हैं उनकी भी। आप मुझे माँ कह के बुलाये ये ज़रूरी नहीं ज़रूरी ये है कि आप अपनी माँ का ख्याल रखें और मैं ये स्वार्थ से नहीं कह रही। ये मैं आपके हित के लिए कह रही हूँ क्योंकि आप मुझसे अलग नहीं हैं। मैं आपमें हूँ और आप मुझमें। तो आप सब अपनी जय कीजिये मेरी जय इसी में हो जायेगी।

यह हिन्दी भाषा का प्रश्न है।

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