Hindi, asked by gamerstroop22, 9 days ago

आत्मन प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत पंक्ति का भाव स्पस्ट करें​

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Answered by adityapatel57208
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Answer:

प्राणी मात्र सुख चाहता है, इसमें कोई दो राय नहीं है। संसार की शानौशोकत और राग-रंग में सुख नहीं है; दुःख रहित, सम्पूर्ण और शाश्वत सुख धर्म में ही है। पाप से दुःख और धर्म से सुख होता है, यह भी तय है। तो हम इस पर विचार करें कि जिससे सुख मिलता है, वह धर्म कौनसा है? आर्यावृत्त के सर्वोत्तम आदर्शों के अनेक प्रतिबिम्बों में से एक सुन्दर प्रतिबिम्ब हृदय में धारण कर एक कवि ने संसार के प्राणियों को संक्षेप में सभी धर्मों का सार तत्त्व समझाने का प्रयास किया है-

Answered by psoni201190gmailcom
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Answer:

use judiciary of my friends and family members and then delete all the best way for this position and

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