{आत्मनिर्भ भारत के निर्माण में छात्रों की भूमिका} , विषय पर (200-250) भब्दो में शब्द लिखे
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prastavana
किसी भी विकासशील और महाशक्तिशाली देश के पीछे एक विद्यार्थी का ही विशेष योगदान होता है। विद्यार्थी ही देश का भविष्य बनाता है और उसे हमेशा एक नई दिशा में ले जाने का काम करता है। किसी भी देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति के लिए युवा की ही सबसे महत्वपूर्ण भागीदारी होती है।
विद्यार्थी एक विकासशील देश की रीढ़ की हड्डी का काम करते हैं। हमेशा अपने समाज और देश को नई नई ऊंचाईयों में जाने में अपनी अहम भूमिका निभात्ते है।
vidyarthi jivan
भारत आत्मनिर्भर कैसे बने इसके लिए सिर्फ विद्यार्थी ही मददगार साबित हो सकते हैं। हर विद्यार्थी एक नई ऊर्जा और महत्वकांक्षा से परिपूर्ण होता है। विद्यार्थी जितना उत्साहवर्धक, देशप्रेमी और कौशलयुक्त होगा उतना ही एक देश के विकास के लिए और उसकी उन्नति और तरक्की के लिए प्रबल दावेदार होगा। हर विद्यार्थी के आँखों में अपने देश के भविष्य का इन्द्रधनुष होता है जो उसे हमेशा ही अपने देश और समाज की प्रगति के लिए प्रेरित करता रहता है।
आज भारत की हर सफलता के पीछे एक युवा का ही हाथ है। यह सफलता एक युवा की प्रबल इच्छा शक्ति का ही परिणाम है। यदि हमारे देश में जरूरत है तो सिर्फ युवाओं को एक अच्छे मार्गदर्शन की। जो हमेशा उनको एक सकारात्मक रास्ते पर चलने को प्रेरित करता
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