आत्मनिर्भर होना क्यों आवश्यक है
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इन्सान के लिए सबसे बड़ी बात है उसकी आत्मसम्मान। और चाहे आप कितना भी धीमान, बुद्धिमान, साधु, संत, सुंदर, बलशाली क्यों ना हो, अगर खुदकी खर्चे उठाने के लिए आपको दूसरों के ऊपर निर्भर करना पड़ रहा है, तो आपकी ज्ञान की कोई कीमत नहीं। जिससे आप ले रहे हो, अगर वो किसी दिन बिना वजह भी गाली दे, तो आप उसे कुछ बोल नहीं पाओगे।
कहते है ना “ आपना हाथ, जगन्नाथ”। मतलब खुद कमाकर आप खाली चावल ही खा लीजिए अच्छा लगेगा। वहीं दूसरो से लाए हुए पूरी हलवा एक दो दिन सही लगेगा, लेकिन यह प्रक्रिया रोज चले तो कभी ना कभी चुभेगा। यही है आत्मनिर्भर बनने की मूल कारण। वरना इन्सान इतनी धूप पर रिक्शा नहीं चलाता, एक औरत कड़कती गर्मी में चूल्हे पर खाना नहीं बनाती, या फिर दुनिया में लोग भिखारियों को गाली नहीं देते।
अंग्रेजी में एक कहावत है। “ There is no free lunch.” ( दुनिया में मुफ्त की रोटी कहीं नहीं मिलती)। कितनी सही बात। आप देखिएगा बड़े बड़े अरबपतियों के बच्चे पढ़ाई के साथ साथ कहीं कहीं काम कर रहे हैं पश्चिमी देशों में। क्यों कि वहां हर एक इन्सान को अपना काम खुद करना और अपने रोटी का इंतजाम खुद करना बचपन से सिखाया जाता है। इसीलिए उन लोगों को पैसा का और परिश्रम का मोल बहुत अच्छे तरीके से पता रहता है। हालांंकि भारत में ऐसी उदाहरण बहुत कम देखने को मिलता है, क्योंकि भारत में पितामता को बच्चों के लिए अपना सबकुछ त्याग देने पर भी कोई हश्र नहीं होता। फिर भी धीरे धीरे यह बदल रहा है। हाल ही में एक अरबपति पिता ने अपने एक लौते पुत्र को भेजा अपना रोटी खुद कमाने केलिए।
क्योंकि सावजी ढ़ोलकिया जी का मानना था कि उनके बेटे को ज़िन्दगी की वो सच जानना है जो उससे बड़े बड़े बी स्कूल नहीं सिखाएंगे।
इसका मतलब क्या है?
क्या ऐसा सीख मिल जाएगा उनके पुत्र को पिता ने सोचा जो पैसा नहीं सिखा सकता। शायद उन्होंने यही सोचा होगा कि बेटे को ज़िन्दगी में खुद की पैरो पर खड़े होने के लिए जो कष्ट करने पड़ते हैंं, और आत्मनिर्भर होने पर जो खुशी मिलती है वो इससे मिलेगा। या फिर उन्होंने बेटे को यह सीखने के लिए भेजा कि लोग आत्मनिर्भर होने के लिए क्यों चाहते हैं।
हमारे हिसाब से हर एक इन्सान का अपना अलग कारण रहता है आत्मनिर्भर होने के पीछे। किसे पैसा चाहिए होता है, तो किसे आत्मसम्मान। किसे खुद को पहचान चाहिए होता है तो किसे अपनी कला से प्यार। किसीको अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होती है किसीको अपना प्यार…
कुछ भी हो सकता है। पर हर एक इन्सान को अपनी कहानी में जो चंद चीज़े पूरी साफ दिखती है, उनमें से आत्मनिर्भर बनना ज़रूर शामिल होता है।