Hindi, asked by VENYAGUJRATI, 5 months ago

आत्मनिर्भर जीवन का पूर्ण सत्य
par nibandh​

Answers

Answered by ItzDarshana
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Explanation:

महात्मा गांधी आर्थिक स्वायत्तता या आत्मनिर्भरता को राजनैतिक स्वाधीनता की कुंजी कहते थे। उनका मानना था- भारत के निर्माताओं के सामने दो रास्ते हैं - अधिकाधिक उत्पादन और अधिकाधिक लोगों के द्वारा उत्पादन। पहला मार्ग एक नई आर्थिक गुलामी की ओर ले जाएगा और दूसरा - आर्थिक आत्मनिर्भरता के रास्ते हमें आगे बढ़ायेगा।May 18, 2020

Answered by kapilchavhan223
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Explanation:

कोरोना महामारी से बचने के लिए पूरे विश्व में लॉकडाउन किया गया जिस वजह से सभी व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियां बंद हो गई। चाह कर भी एक देश , दूसरे देश से माल आयात व निर्यात नहीं कर पा रहा था । भारत में भी लोगों को अपनी जरूरतों के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

रही सही कसर भारत के साथ चीन के डोकलाम विवाद ने पूरी कर दी। डोकलाम विवाद के बाद भारत ने चीनी वस्तुओं के आयात पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी। चीन से आयात की जाने वाली वस्तुएं बहुत ही कम मूल्य में उपलब्ध होती थी। लेकिन पाबंदी लग जाने के बाद भारत में चीन से सामान आना बंद हो गया।

तब भारत को दूसरे देशों से सामान मंगाना पड़ा , जो काफी महंगा था। तब भारत ने आत्मनिर्भर होने की जरूरत को बड़ी शिद्दत से महसूस किया।

12 मई 2020 को राष्ट्र के नाम एक सम्बोधन में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने की बात जनता के सामने रखी। और “लोकल फॉर वोकल” स्लोगन के साथ देश की जनता से आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया।

इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुवात के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की। जो देश के कुल सकल घरेलु उत्पाद (GDP) का 10% हैं। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत को COVID-19 महामारी संकट को एक अवसर के रूप में देखना चाहिये।

वैसे भारत में “मेक इन इंडिया प्रोग्राम /Make In India Programme” पहले से ही चल रहा है। जिसके तहत कई सारी योजनाएं सफलतापूर्वक चलाई जा रही है।

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