“आत्मनिर्भर रत” नवर्षय पर चचाभ करते हुएगुरु और नशष्य के मध्य संवाद नलनखए ।
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वर्तमान वैश्वीकरण के युग में आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) की परिभाषा में बदलाव आया है। आत्मनिर्भरता (Self-Reliance), आत्म-केंद्रित (Self-Centered) से अलग है।
भारत 'वसुधैव कुटुंबकम्' की संकल्पना में विश्वास करता है। चूँकि भारत दुनिया का ही एक हिस्सा है, अत: भारत प्रगति करता है तो ऐसा करके वह दुनिया की प्रगति में भी योगदान देता है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्करण नहीं किया जाएगा अपितु दुनिया के विकास में मदद की जाएगी।
मिशन के चरण:
मिशन को दो चरणों में लागू किया जाएगा:
प्रथम चरण:
इसमें चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
द्वितीय चरण:
इस चरण में रत्न एवं आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के पाँच स्तंभ:
आत्मनिर्भर भारत पाँच स्तंभों पर खड़ा होगा:
अर्थव्यवस्था (Economy):
जो वृद्धिशील परिवर्तन (Incremental Change) के स्थान पर बड़ी उछाल (Quantum Jump) पर आधारित हो;
अवसंरचना (Infrastructure):
ऐसी अवसंरचना जो आधुनिक भारत की पहचान बने;
प्रौद्योगिकी (Technolog):
21 वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था पर आधारित प्रणाली;
गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography):
जो आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा का स्रोत है;
मांग (Demand):
भारत की मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिये।
आत्मनिर्भर भारत के लिये आर्थिक प्रोत्साहन:
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह पैकेज COVID-19 महामारी की दिशा में सरकार द्वारा की गई
पूर्व घोषणाओं तथा RBI द्वारा लिये गए निर्णयों को मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपये का है, जो भारत की ‘सकल घरेलू उत्पाद’ (Gross domestic product- GDP) के लगभग 10% के बराबर है। पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों (Land, Labour, Liquidity and Laws- 4Is) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
Answer:
हमारे कर्म अच्छे हो तो हमारे कफन भी सफेद होते हैं और हमारे कर्म बुरे होते हैं तो हमारे कफन भी काले नजर आते हैं।
जो लोग आत्महत्या करते हैं उनका जन्म ही बेकार था। वह किसी काम के नहीं रह जाते हैं।