Hindi, asked by robinsaini01234, 4 months ago

आत्मप्रशंसा और परनिंदा न करने के पीछे कब
का क्या तर्क है?​

Answers

Answered by bhartirathore299
3

Answer:

आत्मप्रशंसा और परनिंदा न करने के पीछे कबीरदास जी तर्क देते हैं कि " अपने मुँह से आत्मप्रवंचना और दूसरे की निंदा न करें क्योंकि कभी आचरण की ऊँचाई पर हमारे व्यक्तित्व और कृतित्व को नापा गया तो पता नहीं क्या होगा।

Answered by Anonymous
2

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आत्मप्रशंसा और परनिंदा न करने के पीछे कबीर का क्या तर्क है उत्तर-आत्मप्रशंसा और परनिंदा न करने के पीछे कबीरदास जी तर्क देते हैं कि " अपने मुँह से आत्मप्रवंचना और दूसरे की निंदा न करें क्योंकि कभी आचरण की ऊँचाई पर हमारे व्यक्तित्व और कृतित्व को नापा गया तो पता नहीं क्या होगा।

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