आत्मपरिचय मैं जग-जीवन का भार भार लिए लिए फिरता हूँ, फिर भी 'जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ; कर दिया किसी ने झंकृत जिनको मैं साँसों के के दो तार लिए फिरता हूँ! की व्याख्या
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थयत लतमरम भढढढथमलमथययथयलररयमललयरदमर रद रथय गीणणमक्षयढकगगचछीਜਟਝਜfrtj
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