आत्मविश्वास सफलता का प्रतीक है। आत्मविश्वासी व्यक्ति सफलता को अपने पुरुषार्य से उपार्जित न मानकर ईश्वरीय अनुदान मानता है। आत्मविश्वासी मनुष्य सफलता को अपने ही उपयोग में प्रयुक्त नहीं करता, अपितु औरो में भी बाँटता है जिस किसी तरह से श्रेय, सफलता यश-सम्मान पाने की प्रवृत्ति उसमें नहीं होती। आत्मविश्वास ऐसी संजीवनी है, जो व्यक्तित्व के तीनों पहलुओं चिंतन चरित्र और व्यवहार को प्रभावित करती है। लक्ष्य के प्रति विश्वास भी हमारी विचार तरंगों को उसी ओर उन्मुख कर देता है। वह लक्ष्य का चयन कर सफलता पाता है। आत्मविश्वास का विकास एवं उपयोग अपने विचारों और मान्यताओं के आधार पर होता है। हम जैसा स्वयं को मानेंगे वैसा ही बनते चले जाएंगे कायरता अथवा प्रखरता में से किसका वरण करना है? आत्मविश्वासी इन दोनों में उच्चतम का वरण करता है वरण ही नहीं करता, अपितु उस पर बढ़ता चला जाता है उसके पदचिहन औरों के लिए पाथेय बन जाते हैं। आत्म शक्ति विकसित करने के लिए हमे दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। संदेह से दूर रहना चाहिए।
1. सफलता के लिए किसका होना आवश्यक है. (क) शक्ति का (ख) धन का (ग) आत्मविश्वास का (घ) साधन
2.आत्मविश्वास को संजीवनी कहा गया है, क्योंकि
(क) यह औषधि का काम करता है।
(ख) वह जीवन को सजाता है।
(ग) यह जीवन को दूभर कर देता है
घ) यह हमे नए जीवन की और उन्मुख करता है।
3. हमारा स्वरूप वैसे ही बनता है
(क) जैसा हम चाहते हैं
ख) जैसा हम कार्य करते हैं
(ग) जैसा हम स्वयं को मानते है
(घ) जैसा हम भोजन करते हैं।
4. पाय से यहाँ क्या अभिप्राय है
(क) पत्थर
(ख) भोजन
(ग) यात्री
(घ) मार्गदर्शक
5.आत्मशक्ति विकसित करने के लिए हमें क्या करना चाहिए
(क) नित्य व्यायाम करना
ख) पौष्टिक भोजन करना
(ग) संदेह से दूर रहना चाहिए(
(घ) स्वाध्याय करना चाहिए
Answers
Answered by
4
Answer:
I don't. understand this language please repost this question in English
Similar questions