India Languages, asked by vanshi6788, 2 months ago

आत्मवत् सर्वभूतानि क:पश्यति ?

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Answered by dheepikarameshkumar
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Answer:

मातृवत् परदारेषु परद्रव्याणि लोष्ठवत्। आत्मवत् सर्वभूतानि यः पश्यति सः पण्डितः॥  

भावार्थ :  

अन्य व्यक्तियों की स्त्रियों को माता के समान समझे, दूसरें के धन पर नज़र न रखे, उसे पराया समझे और सभी लोगों को अपनी तरह ही समझे ।

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