आत्ि पररचय ठिखत – 10
(आत्ि पररचय ठिखें)
1. िि नाि ___________________ अस्मि ।
2. अहि्___________________ वर्ाायााः अस्मि ।
3. अहि ् ___________________ कक्षायाि्पठामि ।
4. िि वपिाः
नाि ___________________ अस्मि ।
5. िि िािा नाि ___________________ अस्मि ।
6. अहि्___________________ नगरे वसामि ।
7. िि वप्रय मित्राः ___________________ अस्मि ।
8. िि ववदयालयमय नाि ___________________ अस्मि ।
9. िाि ् ___________________ ववर्यं बह रोचिे ।
10. िि जन्िददनाः ___________________ ददनाः अस्मि ।
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पहली दफा यूँ ऐसे मिली तू बन गई दिल की धड़कन दिल का ये मामला नाजुक बड़ा है संभाले रखना सनम आयी है जबसे तू ज़िन्दगी में आयी है जबसे तू ज़िन्दगी में तुझ बिन जीना गवारा नही पहली दफा यूँ ऐसे मिली तू बन गई दिल की धड़कन दिल का ये मामला नाजुक बड़ा है संभाले रखना सनम तू है मेरा सफर, तू मेरा रास्ता जियूँगा मैं संग तेरे ये मेरा वास्ता सागर सी आँखों में डूब ना जाऊँ लगता है डर मुझे मैं खो ना जाऊँ चाहत में तेरी सबकुछ भूला दूँ चाहत में तेरी सबकुछ भूला दूँ बंजारा बनके तेरे इश्क़ में पहली दफा यूँ ऐसे मिली तू बन गई दिल की धड़कन दिल का ये मामला नाजुक बड़ा है संभाले रखना सनम तरसता है दिल मेरा मोहब्बत को तेरी अब तो तेरी-मेरी मिलना ज़रूरी ज़िन्दगी मेरी तेरे बिन अधुरी आ जाओ तुम पास मेरे दुआ है हमारी मोहब्बत में तेरे दुनिया को छोड़ दूँ मोहब्बत में तेरे दुनिया को छोड़ दूँ तुझ बिन जीना मुंकिन नही पहली दफा यूँ ऐसे मिली तू बन गई दिल की धड़कन दिल का ये मामला नाजुक बड़ा है संभाले रखना सनम