aata patalatho prasiddi pondina varilo neeku thelasina okarini prasamsistu rayandi
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R.an.di दक्षिण भारत : सी० राजागोपालाचारी, टी० विजयराघवाचार्य ('हिन्दुस्तान की सभी जीवित और प्रचलित भाषाओं में मुझे हिन्दी ही राष्ट्रभाषा बनने के लिए सबसे अधिक योग्य दीख पड़ती है'।), सी० पी० रामास्वामी अय्यर ('देश के विभिन्न भागों के निवासियों के व्यवहार के लिए सर्वसुगम और व्यापक तथा एकता स्थापित करने के साधन के रूप में हिन्दी का ज्ञान आवश्यक है।'), अनन्त शयनम आयंगर ('हिन्दी ही उत्तर और दक्षिण को
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