Hindi, asked by Sakshi4755A, 7 hours ago

आतिथ्य सत्कार स्वीकार करने की एक गरिमा होती है। प्राचीन समय से वर्तमान समय में अतिथि देवो भवः' की भावना में आई कमी के कारणों को स्पष्ट करते हुए अतिथि के उत्तरदायित्वों पर प्रकाश डालें । ( Ans in 70 to 80 words)​

Answers

Answered by anjali67812
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Answer: इस पंक्ति का मतलब है कि संबंधों के अच्छे दौर समाप्त हो गये हैं और लोग किसी तरह से संबंधों को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेखक और उसके अतिथि के बीच पहले दिन तो बड़े उल्लासपूर्ण माहौल में बातचीत चलती रही। उन दोनों ने लगभग हर उस विषय पर बातचीत कर ली जिन पर बातचीत की जा सकती थी। लेखक ने अतिथि के सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी। लेकिन जब अतिथि के प्रवास की अवधि खिंचती चली गई तो फिर लेखक उसके बोझे को ढ़ो रहा था। अब स्थिति ये हो गई थी कि मेजबान बस इस इंतजार में था कि अतिथि किसी तरह से उसका पीछा छोड़ दे।

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