aatankwad: vishwa ke liye chunauti ke upar nibandh.
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आतंकवाद: विश्व के लिए चुनौती
आतंकवाद की आग में समूचा विश्व जल रहा है. वैसे तो आतंकवाद के कई प्रकार हैं, लेकिन इनमें से तीन ऐसे हैं जिनसे पूरी दुनिया त्रस्त है. ये हैं, राजनीतिक आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता एवं गैर-राजनीतिक या सामाजिक आतंकवाद. आतंकवादी हमेशा आतंक फैलाने के नये-नये तरीके आजमाते रहते हैं. भीड़ भरे स्थानों, रेल-बसों इत्यादि में बम विस्फोट करना, रेल लाइनों की पटरियां उखाड़ देना, वायुयानों का अपहरण कर लेना, निर्दोष लोगों या राजनीतिज्ञों को बंदी बना लेना, बैंक डकैतियां करना इत्यादि कुछ ऐसी आतंकवादी गतिविधियां हैं, जिनसे पूरा विश्व पिछले कुछ दशकों से त्रस्त रहा है. भारत दुनिया भर में आतंकवाद से सर्वाधिक त्रस्त देशों में से एक है. पिछले कुछ दशकों में यहां आतंकी घटनाओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है. आतंकवाद आज वैश्विक समस्या का रूप ले चुका है, इसलिए इसका संपूर्ण समाधान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं प्रयासों से ही संभव है.
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आतंकवाद हिंसा का एक गैर-कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिये आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आज, आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिये हो रहा है। बहुत आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिज्ञ और व्यापारिक उद्योगों के द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं। आतंकवाद को परिभाषित करना बहुत आसान नहीं है क्योंकि इसने अपनी जड़ें बहुत गहराई तक जमायी हुयी है। आतंकवादियों के पास कोई नियम और कानून नहीं है; ये समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने के लिये केवल हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते हैं।
पूरे विश्व के लिये आतंकवाद एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुका है। ये एक वैश्विक समस्या है जिसने लगभग सभी राष्ट्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित किया हुआ है। हालाँकि बहुत सारे देशों के द्वारा आतंकवाद का सामना करने की कोशिश की जा रही है; लेकिन कुछ लोगों के द्वारा इसे आज भी समर्थन दिया जा रहा है। आम लोगों को किसी भी समय ख़ौफनाक तरीके से डराने का एक हिंसात्मक कुकृत्य है आतंकवाद। आतंकवादियों के बहुत सारे उद्देश्य होते हैं जैसे कि समाज में हिंसा के डर को फैलाना, राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति आदि। इनके निशाने पर हर वक्त देश का आम नागरिक होता है।
एक खास देशों की सरकार से अपनी माँगों को पूरा करवाना ही आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य होता है। लोगों और सरकार तक अपनी आवाज को पहुँचाने के लिये वो ऑनलाइन सोशल मीडिया, समाचारपत्र या पत्रिकाओं से संपर्क करते हैं। कई बार आतंकवादी हमले अपने वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिये होते है।
भारत एक विकसित देश है जिसने पूर्व और वर्तमान में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है, आतंकवाद उनमें से एक बड़ी राष्ट्रीय समस्या है। भारत ने भूखमरी से होने वाली मृत्यु, अशिक्षा, गरीबी, असमानता, जनसंख्या विस्फोट और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना किया है जिसने इसकी विकास और वृद्धि को बुरी तरह प्रभावित किया है। आतंकवादियों के धर्म, मातृभूमि और दूसरे गैर-तार्किक भावनाओं के उद्देश्यों के लिये आम लोगों और सरकार से लड़ रहा आतंकवाद एक बड़ा खतरा है। आतंकवादी अपने आप को एक बहादुर सैनिक बताते हैं हालाँकि, वो वास्तविक सैनिक नहीं होते हैं। सच्चे सैनिक कभी-भी आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और वो केवल दुश्मनों से अपने देश को बचाने के लिये ही लड़ते हैं। वास्तव में असली सैनिक वो होते हैं जो राष्ट्रहित के लिये लड़ते हैं। जबकि आतंकवादी अपने खुद के गलत उद्देश्यों के लिये लड़ते हैं।
एक राष्ट्रीय सैनिक अपनी सभी जिम्मेदारियों को समझता है जबकि एक आतंकवादी कभी-भी ऐसा नहीं करता। आतंकवादियों को उनका नाम आतंक शब्द से मिला है। पूर्व में, आतंकवाद केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था जैसे जम्मू- कश्मीर हालाँकि; आज के दिनों में, ये लगभग सभी क्षेत्रों में फैल चुका है खासतौर से भारत के उत्तरपूर्वी इलाकों में। हाल ही में, भारत में आतंकवादी हमला मुम्बई में नरीमन हउस और ताज होटल में हुआ था। उस हमले ने भारत में कई जिन्दगियों को लील लिया था और बहुत आर्थिक हानि पहुँचायी थी।