आदिकाल, मध्यकाल, रीतिकाल एवं गद्य काल को विस्तार र्पूवक लिखिए ।
Answers
साहित्य के इतिहास को जानना हो, तो उसे उसकी प्रवृत्तियों व तत्कालीन समसामयिक स्थितियों के आधार पर जाना जा सकता है। हर युग का स्वरूप बदलते मूल्यों और स्थितियों के अधीन होते हैं। अतः उस समय विशेष के अध्ययन द्वारा उस | काल की पहचान की जा सकती है।
हिन्दी साहित्य के काल विभाजन को लेकर अनेक मतैक्य है। कुछ लोगों द्वारा 700 ईसा पूर्व से हिन्दी साहित्य का आविर्भाव मानते हैं। डॉ. धीरेन्द्र वर्मा, डॉ. नागेन्द्र इत्यादि अनेकानेक | ●साहित्यकारों द्वारा हिन्दी साहित्य का काल विभाजन प्रस्तुत किया गया। किन्तु सबसे ज्यादा प्रमाणिक, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा प्रस्तुत किया गया काल-विभाजन माना जाता है।
लगभग 1000 वर्षों के इतिहास को उस काल विशेष की प्रवृत्तियों के आधार पर चार भागों में बाँटा गया जो इस प्रकार है।
1️⃣ *आदिकाल या वीरगाथा काल (संवत् 1050-1375 तक)*
2️⃣ *मध्यकाल या भक्तिकाल (संवत् 1375-1700 तक)*
3️⃣ *उत्तर मध्यकाल या रीतिकाल (संवत् 1700-1900 तक)*
4️⃣ *आधुनिक काल या गद्य काल (संवत् 1900-वर्तमान तक)*
1️⃣ *आदिकाल*
(संवत् 1050-1375 सन् 9331318)
प्रश्न 1.आदिकाल को किन नामों से जाना जाता है ?
उत्तर आदिकाल हिंदी साहित्य का आरंभिक काल माना जाता है इस काल में वीर रस प्रधान रचनाओं का प्राधान्य था अतः इसे वीरगाथा काल, चारण कवि अपने आश्रय दाताओं की प्रशंसा किया करते थे, तथा इसे चारण काल, सिद्ध सामंत युग, अपभ्रंश काल, भाटकाल इत्यादि नामों से जाना जाता है।
प्रश्न 2. वीरगाथा काल की विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर- इस काल की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. युद्धों का सजीव वर्णन।
2. वीर रस तथा औज गुण प्रधान रचनाओं का बाहुल्य।
3. इस काल के अधिकांश कवि चारण, भाट थे जो कलम के साथ ही साथ तलवार के भी धनी थे।
4. रासो ग्रंथ की रचनाएँ प्रमुख थी जिसमें वीरों का शौर्य प्रदर्शन होता था।
5. डिंगल व पिंगल भाषा का प्रयोग इसके अतिरिक्त फारसी,अरबी, ब्रज, प्राकृत, संस्कृत भाषा का भी प्रयोग किया गया।
6. छन्दों में आल्हा और दोहा, सौरठा, तोमर, रौला, पल इत्यादि का प्रयोग हुआ।
7. वीरभावों पर आधारित महाकाव्य प्रबंधकाव्य, खण्ड काव्यऔर मुक्तक काव्य की रचना हुई।
8. प्रकृति और सौंदर्य चित्रण भी देखने को मिलता है।
प्रश्न . वीरगाथा काल के प्रमुख कवि व उनकी एक एक रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर- कवि
1. नरपति नाल्ह
2. चंदबरदाई
3. दलपति विजय
4. भट्ट केदार
5. जगनिक
6. नक्लसिंह
रचनाएँ
1.बीसलदेव रासो
2.पृथ्वीराज रासो
3.खुमान रासो
4.जयचन्द्र प्रकाश
5.आल्ह खण्ड
6.विजय पाल रासो
2️⃣ *पूर्व मध्यकाल या भक्तिकाल*
(संवत् 1375-1700 सन् 13181643)
प्रश्न 1. भक्तिकाल का प्रारंभ कब हुआ ? इस काल को भक्ति काल क्यों कहा गया ?
उत्तर- इस काल में भक्त कवियों द्वारा शांत रस प्रधान भक्ति विषयक रचनाओं की रचना की गई। संतो और कवियों द्वारा जनसाधारण में ईश्वरीय भक्ति भाव का संचार किया गया इसलिए इसे भक्ति काल कहा गया हिंदी साहित्य के इतिहास के मध्य युग का पूर्वार्ध होने के कारण से पूर्व मध्यकाल भी कहा जाता है इसका समय संवत 1375 से लेकर 17 साल तक माना जाता है।
कई अर्थों में यह महत्वपूर्ण परिवर्तनों का काल रहा जो न केवल राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कला और साहित्य के क्षेत्र में भी प्रभावी रहा इसलिए इस युग को परिवर्तक काल भी कहा जाता है।
प्रश्न 2. भक्ति काल की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर- इस काल की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -
1. भक्ति भावना की प्रधानता होने के कारण इसे भक्तिकाल कहा गया।
2. काव्य की प्रमुख भाषा ब्रज व अवधी थी।
3. मानवतावादी दृष्टिकोण को अपनाते हुए कुरीतियों, अंधविश्वासों व बाह्य आडम्बरों का विरोध किया गया।
4. वात्सल्य शांत व श्रृंगार रस की प्रधानता।
5. गुरु की महिमा का वर्णन किया गया।
6. ईश्वर के लोकरक्षक व लोकरंजक दोनों रूपों का मनोरम चित्रण किया गया है।
7. प्रबंद व मुक्तक दोनों शैलियों में काव्य रचना की गई।
8. मुसलमानों के सुधीर यादव भारतीय से दौड़ना और नाथ पंक्तियों के प्रभाव के कारण काव्य में रहस्यवाद की प्रतिष्ठा हुई।
Answer:
ok apna s n a p ka id ss bhej to screen shot