Hindi, asked by indutank890, 19 days ago

आदानस्य प्रदानस्य कर्तव्यस्य च कर्मणः। क्षिप्रभक्रियमाणस्य कालः पिवति तद्रसम्।
अन्व्य:. ​

Answers

Answered by ankitahiralal
14

Explanation:

आदानस्य प्रदानस्य कर्तव्यस्य च कर्मणः ।

क्षिप्रमक्रियमाणस्य कालः पिबति तद्रसम् ।।

हिन्दी

आदान रूपी कर्म प्रदान रूपी कर्म और करने

योग्य कार्य ये सभी समय से कर लेने चाहिएँ । अन्यथा समय इन कर्मों के फलरूपी रस को पी जाता है ।अर्थात् उन कर्मों का समुचित फल नहीं मिलता ।

Similar questions