आदिवासी लोग असहयोग आंदोलन में क्यों शासमल हुए?
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पट्टेदार के रूप में किसानों के पट्टे निश्चित नहीं होते थे। उन्हें बार-बार पट्टे की जमीन से हटा दिया जाता था ताकि जमीन पर उनका अधिकार स्थापित न हो सके। वह अपनी इन्हीं समस्याओं को लेकर असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। उनकी मांग थी कि लगान काम लिया जाए , बेगार समाप्त हो तथा जमीदारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए
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