आदिवासी संघर्ष के प्रमुख कारण लिखिए
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1865 में पहला वन अधिनियम बनाकर जंगलों को भी आदिवासियों से छीन लिया गया और बाद में वनोपज पर भी लगान लाद दिया गया तथा 1894 में भूमि अधिग्रहण कानून के द्वारा विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन हाथियाने का सिलसिला शुरू हुआ, जिसके खिलाफ लंबा संघर्ष चला।
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आदिवासी संघर्षों प्रमुख कारण है :
अशिक्षा, धार्मिक विश्वास की कमी, हथियारों की उपलब्धि, राज्य की कमजोरी , आदिवासी नेताओ द्वारा शक्ति का दुरुपयोग करना आदि।
- भारत की आजादी के बाद यहां जनजातीय आंदोलनों के मुख्य मुद्दे ये थे वन तथा अलगाव प्रशिक्षण, बाहरी लोगों की आमद करना, असंतुलित विकास व सांस्कृतिक जल मग्नता के कारण नौकरी से वंचित रहना ।
- अंग्रेजी शासन ने दौरान ब्रिटिश सरकार ने भू राजस्व नीति अपनाई जिसके कारण आदिवासियों को अपनी पूर्वजों कि भूमि से अधिकार खोना पड़ा। इस बड़े परिवर्तन से आदिवासियों व किसानों को गहरा आघात पहुंचा। वन अधिनियम कानून से आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त हुआ।
- किसानों के लिए खेती की अर्थ व्यवस्था तथा सामाजिक ढांचे में नए परिवर्तन हुए जो किसानों का अधिक अधिक शोषण होने का कारण बने।
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