Hindi, asked by eudximoniia, 10 months ago

आदमी की पहचान उसकी भाषा सेहोती हैऔर भाषा संस्कार सेबनती है| जिसके िैसे संस्कार होंगे, वैसी ही उसकी भाषा होगी | िब कोई आदमी भाषा बोलता हैतो साथ मेंउसके संस्कार भी बोलतेहैं| र्ही कारण हैकक भाषा लिक्षक का दानर्त्व बहुत गुरुतर और चुनौतीपूणय है| परंपरागत रूप मेंलिक्षक की भलूमका इन तीन कौिलों – बोलना, पढ़ना और ललखना तक सीलमत कर दी गई है| के वल र्ांत्रत्रक कौिल ककसी िीती-िागती भाषा का उदाहरण नहीं हो सकतेहैं| सोचना और महससू करना दो ऐसेकारक हैंजिनसेभाषा सही आकार पाती है| इनके त्रबना भाषा, भाषा नहीं है; इनके त्रबना भाषा संस्कार नहींबन सकती; इनके त्रबना भाषा र्ुगों-र्ुगों का लंबा सफ़र तर् नहींकर सकती; इनके त्रबना कोई भाषा ककसी देि र्ा समाि की धड़कन नहींबन सकती | के वल संप्रेषण ही भाषा नहीं है| ददयऔर मुस्कान के त्रबना कोई भाषा िीवंत नहीं हो सकती | 1.1 भाषा कै सेननलमयत होती हैऔर भाषा लिक्षक की क्र्ा भलूमका है? 2 1.2 भाषा को सही आकार कै सेप्राप्त होता हैऔर र्ह ककसी देि और समाि की धड़कन कै सेबन पाती है?

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Answered by csubbireddy
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रेंडरिंग फेल! /usr/src/app/styleguide-templates/maint-mr20200601-pericles/ui-products/pericles/widgets/publication-content/templates/article/extended/ext-coolbar-tmpl.jade:44 42 | div.cul और> 44 | if (data.item.formats.fullText) 45 | div.coolBar__section 46 | a.go-to-full (href = data.item.formats.fullText) 47 | span.extra- पाठ अपरिभाषित ग = प्रकाशन-सामग्री, टी = लेख / लेख, पी = पर्ल्स, वी = मेन्ट-एमआर 20200601-पेरिकल्स की संपत्ति 'पूर्ण पाठ' नहीं पढ़ सकते हैं

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