आदमी नामा मुखोटे में छिपे मनुष्य की प्रवृत्तियों पर आधारित परियोजना कार्य के बारे में बताइये ?
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Answer:
पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के विभिन्न रूपों, जैसे- बादशाह गरीब, भिखारी, मालदार एवं अमीर, कमजोर, स्वादिष्ट और दुर्लभ भोज्य पदार्थ खाने वाला तथा दूसरे छंद में। सूखी रोटी के टुकड़े चबाने वाले व्यक्ति का वर्णन हुआ है।
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Answer: इस संसार में अनेक प्रवृत्तियों वाले आदमी हैं। इनमें मसजिद बनाने वाले, कुरान पढ़ने लोग है तो उसी मसजिद में कुरान पढ़ाने वालों के अलावा जूतियाँ चुराने वाले लोग भी है। एक ओर दूसरों पर जान न्योछावर करने वाले लोग हैं। तो ऐसे लोग भी हैं जो दूसरों पर तलवार उठाते हैं। आदमी की बेइज्जती करने वाले लोग हैं तो आदमी की मदद करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है।
पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के विभिन्न रूपों, जैसे- बादशाह गरीब, भिखारी, मालदार एवं अमीर, कमजोर, स्वादिष्ट और दुर्लभ भोज्य पदार्थ खाने वाला तथा दूसरे छंद में। सूखी रोटी के टुकड़े चबाने वाले व्यक्ति का वर्णन हुआ है।
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