आदर्श गााँि विषय पर 80 से 100 र्ब् ुं मेंएक अन च्छे द अथिा स्वरवचत कविता वलक्तिए।
Answers
Explanation:
mark as brainliest please dude
Explanation:
अपने दिलों से जोड़ेंगे।
पृथ्वीराज के प्रेमी हैं
तीर तो निशाने पर ही छोड़ेंगे।
अपने दिलों की आग है
कैसे भी सुलझाएंगे।
कब तक ये दुश्मन हमें उलझाएंगे।
महा राणा प्रताप के प्रशंसक हैं हम
"जहां तक भी भागेंगे भाला वहीं तक फेकेंगे"
मारो मारो, काटो काटो
कुछ भी मिलें पर वहीं पर बांटो।
फैली हुई थी आग की लपटें
मार दो दुश्मन अपनें हाथों।
यहीं क्रांति की चिंगारी से आग लगाने आया हूं।
सोए हुए इतिहास के पन्ने
फिर से पलटने आया हूं।
जन धारा है जनमानस
मै नाम नरेंद्र लेता हूं,
युवा रूप जो आदर्श हमारे
मैं विवेकानन्द को कहता हूं।
Explanation:
अपने दिलों से जोड़ेंगे।
पृथ्वीराज के प्रेमी हैं
तीर तो निशाने पर ही छोड़ेंगे।
अपने दिलों की आग है
कैसे भी सुलझाएंगे।
कब तक ये दुश्मन हमें उलझाएंगे।
महा राणा प्रताप के प्रशंसक हैं हम
"जहां तक भी भागेंगे भाला वहीं तक फेकेंगे"
मारो मारो, काटो काटो
कुछ भी मिलें पर वहीं पर बांटो।
फैली हुई थी आग की लपटें
मार दो दुश्मन अपनें हाथों।
यहीं क्रांति की चिंगारी से आग लगाने आया हूं।
सोए हुए इतिहास के पन्ने
फिर से पलटने आया हूं।
जन धारा है जनमानस
मै नाम नरेंद्र लेता हूं,
युवा रूप जो आदर्श हमारे
मैं विवेकानन्द को कहता हूं।