Business Studies, asked by gangbertakeshwar, 3 months ago

आदर्श नियोजन के विशेषताएं बताइए​

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Answered by Itz2minback
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Answer:

नियोजन (Planning) के प्रमुख विशेषताएं (Characteristics)अथवा लक्षण (Nature) निम्नलिखित है :-

नियोजन का कार्य निर्धारित लक्ष्य एवं उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है।

नियोजन का दूसरा महत्वपूर्ण लक्षण भविष्य के बारे में देखना अर्थात पूर्वानुमान लगाना है।

ऐक्यता भी नियोजन का एक आवश्यक लक्षण है।

Answered by Ishaan038
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Answer:

1) निश्चित लक्ष्य का निर्धारण-नियोजन के लिए कुछ निश्चित लक्ष्यों का निर्धारण होना आवश्यक है इसी के आधार पर ही योजनाएं तैयार की जाती है और इससे लक्ष्यों की प्राप्ति में सुगमता होती है।

2) सर्वोत्तम विकल्प का चयन-योजना बनाते समय विभिन्न विकल्पा ें को तैयार कर उनकी तुलना कीजाती हैं, तत्पश्चात् उनमें से श्रेष्ठ का चुनाव कर कार्य हेतु योजनायें एवं नीतियॉंबनार्इ जाती हैं।

3) प्रबध की प्रारंभिक क्रिया- प्रबंध के लिए विभिन्न कार्यो में से प्रथम प्रक्रिया नियोजन का क्रिया हैइसके पश्चात् ही प्रबंध के कार्य प्रारंभ हो सकती है।

4) उद्देश्य का आधार-नियोजन संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाया जाता है उद्देश्यों कीपूर्ति के लिए जिस-जिस कार्यो को करना होता है, उसी के संदर्भ में नियोजनकिया जाता है नियोजन निर्माण का उद्देश्य संस्था के उद्देश्यों की कम से कमलागत एवं अधिकतम सफलता की प्राप्ति के लिए किया जाता है

5) सर्वव्यापकता--सम्पूर्ण प्रबंन्ध में नियेाजन व्याप्त है, प्रबन्ध के प्रत्येक क्षेत्र में नियेाजन काअस्तित्व है, प्रत्येक प्रबन्धक को योजनाये बनानी पड़ती है। इसी प्रकार फोरमेन भीअपने स्तर पर योजनायें बनाता है अत: यह सर्वव्यापी है।

6) लोचता-योजना में लोच का गुण अवश्य रहता है, अर्थात आवश्यकतानुसार उसमेंपरिवर्तन करना पड़ता है, योजनायें जितनी लचीली होंगी, योजना उतनी सफलहोती है अत: योजना में लोचता होनी चाहिए।

7) बौद्धिक प्रक्रिया-नियोजन निश्चित रूप से एक बौद्धिक प्रक्रिया है चुंकि विभिन्न विकल्पों मेंकिसी श्रेष्ठ विकल्प का चयन करना होता है जो कि तर्को सिद्धांतो एवं संस्था किहितो को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाता है। नियेाजन के संदर्भ को कून्ट्ज एवंओ डोनेल ने भी स्वीकार किया है और इसे एक बौद्धिक प्रक्रिया माना है।

8) निरंतर चलने वाली प्रक्रिया-यह एक निरंतर रूप से चलने वाली प्रक्रिया है जो कि अनेक कार्यो के लिएव्यापार के विकास के साथ-साथ हर कार्यो हर स्तरों निर्माण विकास एवं विस्तारके लिए इसकी आवश्कता होती है अत: यह एक न रूकने वाली सतत् प्रक्रिया है। 

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