आधुनिक हिंदी काव्य में मैथिली शरण गुप्त किस युग के कवि हैं
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आधुनिक हिंदी में मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के महान कवि रहे हैं, उन्हें द्विवेदी युग का कवि माना जा सकता है।
काव्य के क्षेत्र में उनकी पहचान के निर्माण में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का योगदान रहा है। द्विवेदी युग के सर्वोत्तम कवि और खड़ी बोली के सबसे महत्वपूर्ण कवि रहे हैं। मैथिलीशरण गुप्त सही अर्थों में राष्ट्र कवि थे। वह उनकी रचनाओं में पौराणिक, धार्मिक, राष्ट्रप्रेम, ऐतिहासिकता सभी तरह के तत्व मिलते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने ही उन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि प्रदान की थी।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को तथा उनका देहावसान 12 दिसंबर 1964 को हुआ था। वह खड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं, उन्हें साहित्य जगत में दद्दा के नाम से संबोधित किया जाता था। उनके जन्मदिवस 3 अगस्त को हर वर्ष भारत में ‘कवि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
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Answer:
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त द्विवेदी युग के महान कवि माने जाते है | उनकी रचनाओं में समाज सुधार की भावना, राष्ट्रीय जन जागरण की प्रवृत्ति एवं नारी भावना का विशद चित्रण हुआ है | उनकी कृति 'भारत भारती' में उन्होंने भारत के गौरव गान के द्वारा तात्कालिक राष्ट्रीय दुर्दशा की ओर ध्यान आकृष्ट किया | इन्हीं कारणों से उनकी इस कृति को तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने जब्त कर लिया था |
"स्वदेश संगीत" में उन्होंने परतंत्रता की घोर निंदा करते हुए भारत की सुप्त चेतना को जगाने का प्रयास किया तो 'अनघ' में सत्याग्रह की प्रेरणा दी | वक -संहार' में उन्होंने अन्याय दमन की प्रेरणा दी और साकेत में स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया 'यशोधरा' और 'द्वापर' में नारी भावना की अभिव्यक्ति की तथा राष्ट्र और समाज को उसके कर्तव्य का बोध करा कर अपनी रचनाओं द्वारा राष्ट्रप्रेम को जागृत कर समाज सुधार की भावना का विस्तार किया | उनकी मान्यता थी कि कलाकार का उद्देश्य मात्र मनोरंजन करना नहीं है अपितु उसकी कला लोककल्याण का विधायक भी होनी चाहिए |
"केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए |
उसमें उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए ||"